क्या आप इस बात पर यकीन करना चाहेंगे कि किसी को हो रहा दांत दर्द उसके मस्तिष्क तक को क्षतिग्रस्त कर सकता है। आप शायद ही इससे मानने के लिए राजी हों। लेकिन ब्रिटेन में एक ऐसा ही मामला सामने आया है। बड़ी मुश्किल से महिला की जान बच पाई। 5 महीने बाद जब महिला अस्पताल से बाहर आईं तो यही बोलीं- आप किसी चीज को हल्के में नहीं ले सकते हैं।
चलिए, अब पूरी खबर बताते हैं।
35 साल की रेबेका डॉल्टन को चलने में तकलीफ हुई और धीरे-धीरे मेमोरी घटने के बाद हॉस्पिटल लाया गया। जांच करने पर मस्तिष्क में बैक्टीरिया का संक्रमण देखा गया। डॉक्टर्स ने भी उसके बचने की उम्मीद छोड़ दी थी। रेबेका को लगातार हॉस्पिटल में 5 महीने बिताने पड़े। डिस्चार्ज होने पर उन्होंने कहा, मुझे नया नजरिया मिला है, ये सीख बताती है कि आप कुछ भी हल्के में नहीं ले सकते।
दांत के इलाज के बाद चलने-फिरने में दिक्कत हुई और मेमोरी घटी
रेबेका का इलाज करने वाले डॉक्टर के मुताबिक, दिसम्बर 2019 में उसके दांतों में बैक्टीरिया का संक्रमण हुआ था। जिसे उन्होंने कई बार नजरअंदाज किया। यही बैक्टीरिया दांतों से दिमाग तक पहुंचा। मार्च में दांतों की समस्या का इलाज कर दिया गया था। लेकिन दिक्कत कुछ दिन बाद शुरू हुई जब रेबेका को चलने-फिरने में दिक्कत शुरू हुई। मेमोरी घटने लगी। वह हॉस्पिटल आईं और जांच की गईं।
संक्रमण मस्तिष्क तक पहुंचा और हार्ट और लिवर तक में उसका असर दिखा
डॉक्टर्स के मुताबिक, महिला की जांच रिपोर्ट में सामने आया कि उस बैक्टीरिया का संक्रमण दिमाग तक पहुंचा। जांच रिपोर्ट में इसका असर हार्ट और लिवर तक में दिखा। वह अपने चलने-फिरने की क्षमता खो चुकी थीं। डॉक्टर्स ने रेबेका का मामला हल रॉयल इनफरमरी के न्यूरोलॉजी डिपार्टमेंट में ट्रांसफर किया। बचने की सम्भावना बेहद कम थी, यह बात रेबेका की मां को बताई जा चुकी थी।
सीख मिली कि छोटी से छोटी चीज नजरअंदाज नहीं करनी चाहिए
रेबेका चार बच्चों की मां हैं। इलाज के दौरान उनका अनुभव कैसा रहा, इस पर वह कहती हैं कि यह सबकुछ एक झटके जैसे था, इससे उबरना काफी मुश्किल रहा। मुझे नया नजरिया मिला है, ये सीख बताती है कि आप कुछ भी हल्के में नहीं ले सकते। छोटी से छोटी चीज भी जान को जोखिम में डाल सकती है।