दिल्ली। जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय में एनआरसी के विरोध में प्रदर्शन के दौरान पुलिस द्वारा लाइब्रेरी में घुस कर छात्रों को पीटने वाला जो विडियो रविवार को सोशल मीडिया पर आग की तरफ फैलती रही, उसमें एक नाटकीय मोड़ आ गया है। जामिया मिलिया इस्लामिया युनिवर्सिटी ने बयान जारी कर सफाई दी है कि उसकी तरफ से ऐसा कोई विडियो नहीं जारी किया गया है। यह सफाई इसलिए हैरत करने वाली है क्योंकि सोशल मीडिया पर जो विडियो सनसनी मचाती रही उसके बारे में दावा किया गया कि यह विश्वविद्यालय प्रशासन के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से जारी किया गया है।
अब सबसे पहले ट्विटर पर पोस्ट इस विडियो को देख लीजिए। देख कर ऐसा ही लग रहा है कि यह जामिया मिलिया इस्लामिया का आधिकारिक ट्विटर हैंडल है। लिहाजा यह पोस्ट जंगल की आग की तरह सोशल मीडिया पर फैला। एनआरसी के विरोधी इसे धड़ाधड़ शेयर करने लगे, और रिट्विट भी। लेकिन शाम को आई इस सफाई ने पूरा माहौल ही बदल डाला।
यूनिर्सिटी के जन संपर्क अधिकारी अहमद अजीम ने कहा, ‘हमारे संज्ञान में आया है कि जामिया मिल्लिया इस्लामिया के डॉ. जाकिर हुसैन लाइब्रेरी में पुलिस बर्बरता के बारे में कोई वीडियो सोशल मीडिया पर प्रसारित हो रहा है। यह स्पष्ट किया जाता है कि इस वीडियो को विश्वविद्यालय ने जारी नहीं किया है।’वहीं, यह वीडियो सामने आने के बाद विपक्षी पार्टियां भी सरकार के खिलाफ आक्रमक होती नजर आ रही है। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा कि अगर इस पर कोई कार्रवाई नहीं होती है तो सरकार की नीयत पूरी तरह से देश के सामने आ जाएगी।
बता दें कि सोशल मीडिया पर जो वीडियो जारी हुआ है उसे जामिया कॉर्डिनेशन कमेटी (जेसीसी) ने जारी किया है और यह जामिया मिल्लिया इस्लामिया के वर्तमान और पूर्व छात्रों का संगठन है। जेजेसी द्वारा वीडियो जारी कर दावा किया है कि 15 दिसंबर को जिस वक्त हिंसक प्रदर्शन हुआ उस वक्त सुरक्षाबल जामिया मिलिया इस्लामिया प्रशासन की अनुमति के बगैर कैंपस घुस गए।
यहां लाइब्रेरी में पढ़ाई कर रहे सौ से अधिक छात्र-छात्राओं पर जमकर लाठी बरसाईं। छात्रों के मुताबिक, पुलिस ने शौचालयों में जाकर भी लाठीचार्ज किया। इसमें कई छात्रों को गंभीर चोट आई है।
वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि छात्र लाइब्रेरी में पढ़ाई कर रहे हैं, इसी दौरान लाइब्रेरी में सुरक्षाबल आते हैं और छात्रों पर लाठी बरसाना शुरू कर देते हैं। साफ दिखाई दे रहा है कि पुलिस ने लाइब्रेरी में बर्बरता की। गौरतलब है कि जामिया मिलिया इस्लामिया का जामिया कॉर्डिनेशन कमेटी से कोई संबंध नहीं है।