लॉकडाउन के दौरान अब अगर किसी ने पुलिस, हेल्थ टीम या फिर किसी अन्य कर्मचारी के साथ मारपीट की तो उनके खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत कार्रवाई होगी। यह कठोर आदेश उत्तप्रदेश सरकार ने जारी किए है। सरकार ने यह फैसला उत्तर प्रदेश समेत देश के कई राज्यों में स्वास्थ एवं पुलिस टीम के साथ मारपीट की घटना के बाद लिया है।
सीएम योगी का यह फैसला पश्चिम यूपी के कुछ जिलों में पुलिसकर्मियों से हुई मारपीट की घटना के बाद आया है। इससे पहले 1 अप्रैल को यूपी के मुजफ्फरनगर जिले में लॉकडाउन के दौरान घर से बाहर निकलने के लिए मना करने पर कुछ लोगों ने पुलिसकर्मियों पर हमला किया था।
क्या है एनएसए
राष्ट्रीय सुरक्षा कानून राज्य के तहत कानून व्यवस्था की स्थितियों को बनाए रखने के क्रम में किसी भी नागरिक को हिरासत में लिया जा सकता है। इस कानून के तहत व्यक्ति को एक साल के लिए जेल में रखा जा सकता है। राज्य सरकार को इसके लिए यह बताना होता है कि संबंधित व्यक्ति पर एनएसए के तहत कार्रवाई की गई है। साथ ही आरोप तय किए बिना उसे 10 दिनों तक जेल में रखा जा सकता है।
पुलिस चौकी में हुआ था हमला
इन लोगों ने यहां की मोरना पुलिस चौकी के एसआई समेत अन्य पुलिसकर्मियों पर जानलेवा हमला किया था। हमले में चौकी प्रभारी समेत अन्य पुलिसकर्मी गंभीर रूप से घायल हुए थे, जिन्हें इलाज के लिए मेरठ के अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
स्वास्थ्यकर्मियों के साथ भी हो रही अभद्रता
लॉकडाउन के दौरान यूपी समेत अन्य राज्यों में पुलिसकर्मियों के साथ अभद्रता के कई मामले सामने आ चुके हैं। इससे पहले दिल्ली में रेलवे के एक हॉस्टल में क्वॉरंटीन में रखे गए कुछ लोगों ने चिकित्सकों और रेलवे पुलिस के अफसरों के साथ अभद्रता की थी। इसके अलावा हाल ही में मध्य प्रदेश में भी कोरोना की जांच करने गए कुछ चिकित्सकों के साथ मारपीट का मामला भी सामने आया था।