रायपुर। प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय राजीव भवन में प्रदेश भर से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नाम लगभग 17 लाख आग्रह पत्र राजीव भवन पहुंचे थे । ये पत्र मुख्यमंत्री भूपेश बघेल व पीसीसी अध्यक्ष मोहन मरकाम के निर्देश पर प्रदेश पदाधिकारियों, जिला अध्यक्षों, ब्लॉक अध्यक्षों द्वारा किसानों, व्यापारियों व आमजनों तक पहुंचकर प्रधानमंत्री के नाम लिखवाए गए थे। आज मंगलवार को राजभवन में जमा किया गया। प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय राजीव भवन से बड़ी संख्या में कांग्रेसियों ने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम के नेतृत्व में राजभवन तक पदयात्रा की। लगभग 17 लाख आग्रह पत्र राज्यपाल अनुसुईया उइके के माध्यम से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी तक पहुंचाने राजभवन में जमा करवाये गए। ये आग्रह पत्र केंद्र की मोदी सरकार से केंद्रीय पूल में राज्य के किसानों द्वारा उपार्जित धान का चावल खरीदने एवं धान खरीदी पर बोनस की अनुमति की मांग को लेकर प्रदेश के किसानों, व्यापारियों एवं आमजनता ने प्रधानमंत्री के नाम पत्र प्रेषित किए गए हैं।
प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष मोहन मरकाम ने मीडिया से चर्चा के दौरान कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम से प्रेषित छत्तीसगढ़ के लगभग 17 लाख किसानों का हस्ताक्षर युक्त पत्र राज्यपाल के माध्यम से भेजा जा रहा है । मरकाम ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार लगातार छत्तीसगढ़ के किसानों के साथ भेदभाव कर रही है। केंद्र सरकार का कहना है कि यदि समर्थन मूल्य से अधिक कीमत पर यदि छत्तीसगढ़ सरकार धान खरीदती है तो केंद्रीय पूल पर 32 लाख मीट्रिक टन चावल नहीं खरीदा जाएगा। मरकाम ने कहा कि छत्तीसगढ़ की भूपेश सरकार किसानों के प्रति गंभीर है, जो वादा किया था उसे पूरा करना चाहती है। छत्तीसगढ़ के किसानों को जो कीमत 25 सौ रुपए प्रति क्विंटल अपने कहा है,वह हम देना चाहते हैं लेकिन केंद्र सरकार रोक लगा रही है। हमारी सरकार ने जो कहा है वह वादा पूरा करेगी। पीसीसी अध्यक्ष मरकाम ने कहा कि डॉ. मनमोहन सरकार थी तब 2004 से 2014 तक केंद्रीय पूल में छत्तीसगढ़ का चावल खरीदती थी। दो बार मनमोहन सरकार ने समर्थन मूल्य भी दिया और बोनस भी दिया था। भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने 2014 में भी बोनस दिया था, भारतीय जनता पार्टी ने 2017 में भी हारने के डर से बोनस दिया था। मोहन मरकाम ने आरोप लगाया कि अब केन्द्र की नरेन्द्र मोदी सरकार छत्तीसगढ़ के किसानों के साथ सौतेला व्यवहार कर रही है, जिसके विरोध में आज किसानों का समर्थन पत्र सौंपा गया है। हमारी सरकार नहीं बनी थी,तब 1 नवंबर से धान खरीदी शुरू हुई थी 1750 रुपए में। 17 दिसंबर को कांग्रेस सरकार बनने के बाद 1200 करोड़ रुपए से अधिक हमने, 1750 से अतिरिक्त जो राशि अंतर की थी सीधे किसानों के खाते में भेजी गई थी। इस बार भी 1815 में धान खरीदी कर रहे हैं, अतिरिक्त राशि जो अंतर की राशि है उसे किसानों के खातों में जमा किया जाएगा।