बीमार पड़ी छात्रा जा न सकी कोचिंग क्लास, फीस लौटाने से संस्था ने किया इनकार तो उपभोक्ता फोरम ने सिखाया सबक

रायपुर. रायपुर उपभोक्ता फोरम ने लॉ समेत अन्य प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कराने वाली कोचिंग संस्था कैरियर लांचर पर जुर्माना ठोका है।  फोरम ने उसे सेवा में निम्नता का दोषी पाया है। यहां पढ़ने वाली एक छात्रा के अभिभावक की शिकायत पर फैसला सुनाते हुए फोरम ने संस्था को छात्रा से ली गई फीस के 37800 रुपये वापस करने का आदेश दे दिया।  साथ ही उसके रवैये के कारण छात्रा के अभिभावकों को हुएमानसिक कष्ट के बदले 5000 रुपये और मामला दायर करने में जो खर्च हुआ उसके बदले 2000 रुपये देने का भी आदेश दिया। 

क्या है मामला

राजधानी के अवंती विहार की कमलदीप कौर चावला ने मई 2018 में होने वाली कॉमन लॉ एडमिशन टेस्ट  की तैयारी के लिए दाखिला लिया था। उसने मार्च 2017 से शुरू होने वाली सेशन में जुलाई 2017 से मई 2018 तक चलने वाली कोचिंग क्लास के लिए एडमिशन लिया।  इसके लिए उसने 21600 और 16200 रुयपे संस्था के अकाउंट में जमा कराएं। छात्रा के अभिभावक का आरोप है कि दो दिन क्लास करने के बाद ही उसकी तबियत खराब होगई और वह क्लास अटेंड नहीं कर सकी।   इसके चलते संस्था की ओर से उसे ऑनलाइन मॉक टेस्ट के लिए लॉगिन आईडी और पासवर्ड भी नहीं दिया गया। उन्होंने इसके बाद उन्होंने फीस वापसी की मांग की। पहले तो संस्था के संचालक शैलेंद्र सिंह इसके लिए राजी हो गए लेकिन बाद में फीस वापस करने से आनाकानी करने लगे इसके बाद छात्र के परिजन ने उपभोक्ता फोरम का दरवाजा खटखटाया। 

संस्था ने क्या दी दलील

करियर लांचर ने दलील दी कि  सुप्रीम कोर्ट के एक आदेश के मुताबिक,  शिक्षा कोई वस्तु नहीं इसलिए छात्र उपभोक्ता है।  मामला विवाद की वसूली का है इसलिए फोरम के अधिकार क्षेत्र में भी नहीं आता । संस्था ने  आगे बतयाा कि छात्रा ने 7 दिन क्लास की, फिर खुद अनियमित रहने लगी। संस्था की ओर से उसे मॉक टेस्ट के लिए ऑनलाइन आईडी और पासवर्ड भी दिया गया था, जिसका उसने इस्तेमाल भी किया है। 

उपभोक्ता फोरम ने ठोका जुर्माना 

उपभोक्ता फोरम ने कोचिंग सेंटर की तमाम दलीलों को ठुकरा दिया. फोरम ने छात्रा की शिकायत को सही पाते हुए उन्होंने जिनती फीस जमा की थी, उसे लौटाने का आदेश दिया. साथ ही कोचिंग संस्था को उसकी गैर जिम्मेदारी वाले व्यवहार से पीड़ित छात्रा के परिजनों को हुए मानसिक कष्ट के लिए 5 हजार रुपये चुकाने का भी आदेश दिया। इसके अलावा मुकदमे लड़ने में जो खर्च हुए उसके बदले भी 2 हजार रुपये चुकाने का आदेश दिया। 

आप भी रहें सजग

किसी भी सेवा के लिए आप मूल्य चुकाते हैं तभी आप उपभोक्ता बन जाते हैं। और इसी के साथ आपके अधिकार भी बन जाते हैं. फिर चाहे वह स्कूल हो, कॉलेज हो, अस्पताल हो कोई और सेवा। अगर आपको भी कोई ठगता है तो उपभोक्ता फोरम का दरवाजा खटखटाइए और ऐसे धोखेबाजों को सबक सिखाइए।  अपने किस्से हमसे भी शेयर कीजिए.