वैसे तो दुनिया में आपने में तानाशाहों के कई किस्से होंगे। तानाशाह हैं तो उनकी हैवानियत के किस्से भी हैं। लेकिन हैवानियत की हद को पार कर देने वाले एक तानाशाह की कहानी दुनिया के सभी क्रूर तानाशाहों से अलग है। आधुनिक दुनिया का ऐसा तानाशाह शायद कोई और नहीं हुआ।
हम बात कर रहे हैं युगांडा के तानाशाह ईदी अमीन की। शक्तिशाली शरीर की वजह से ईदी अमीन 1951 से 1960 तक युगांडा का लाइट हैवीवेट बॉक्सिंग चैंपियन था। साथ ही वह एक तैराक भी था।इसके अलावा ईदी एक खतरनाक रग्बी फॉरवर्ड भी था क्योंकि वो शानदार तरीके से रग्बी खेलता था।उसके कोच के मुताबिक, ईदी अमीन रग्बी का एक शानदार और अच्छा खिलाड़ी था, लेकिन उसे सिखाना कठिन था क्योंकि एक अक्षर का शब्द भी उसे विस्तार से समझाना पड़ता था।
कितनी महिलाओं से रिश्ते थे, इसकी गिनती भी नहीं थी
BBC के अनुसार, ईदी के इतने प्रेम संबंध थे कि उनकी गिनती करना भी असंभव है।कहा जाता है कि एक समय में उसका कम से कम 30 महिलाओं का हरम हुआ करता था। ईदी ने छह महिलाओं से शादी की थी, जिसमें से तीन को उसने जल्द ही तलाक दे दिया था।ईदी के बच्चों के बारे में सही से किसी को भी नहीं पता, लेकिन अधिकांश का कहना है कि उसके 30-45 बच्चे थे।
विभत्स था कारनामा
छह फीट चार इंच लंबे और 135 किलो वजन वाले ईदी अमीन को दुनिया के सबसे क्रूर और निर्दयी तानाशाहों में गिना जाता है।ईदी ने आठ साल के शासन काल में क्रूरता के इतने वीभत्स उदाहरण पेश किए जिसकी मिसाल आधुनिक इतिहास में बहुत कम ही मिलती है।
एशियाई लोगों से थी सख्त नफरत
अंतरराष्ट्रीय पर्यवेक्षकों और मानव अधिकार समूहों का अनुमान है कि ईदी ने अपने शासन के दौरान एक लाख से पांच लाख लोगों को मौत की नींद सुलाया है।जानकारी के मुताबिक, ईदी अमीन को एशियाई लोगों से बेहद ही नफरत थी, इसलिए उसने अपने देश से सारे एशियाइयों को बाहर निकाल दिया था।इसके पीछे उसने तर्क दिया था कि अल्लाह ने उससे कहा है कि वो सारे एशियाइयों को अपने देश से तुरंत बाहर निकाल दे।
इनसान का मांस खाया, दुश्मन का खून पीया
ईदी के शासन काल में स्वास्थ्य मंत्री रहे ‘हेनरी केयेंबा’ ने एक किताब लिखी थी ‘अ स्टेट ऑफ ब्लड: द इनसाइड स्टोरी ऑफ ईदी अमीन’। इस किताब के जरिए उन्होंने ईदी की दरिंदगी बयां की है।उस किताब के अनुसार, एक बार अमीन अस्पताल के मुर्दाघर में गया था, जहां उसके दुश्मनों के शव रखे गए थे।कुछ युगांडावासियों का मानना है कि उसने अपने दुश्मन का खून पिया था।
इतना ही नहीं हेनरी ने अपनी किताब में यह तक लिखा है कि ‘कई बार राष्ट्रपति और दूसरे लोगों के सामने ईदी ने यह तक जाहिर किया है कि उसने इंसानों का मांस तक खा रखा है।साथ ही उन्होनें यह भी लिखा है कि ईदी ने यह कहा है कि लड़ाई के दौरान अक्सर आपका साथी सैनिक घायल हो जाता है। ऐसे में उसको मार कर खा जाने से आप भुखमरी से भी बच सकते हैं।
BBC के मुताबिक, ईदी के समय में युगांडा में भारत के उच्चायुक्त रहे मदनजीत सिंह ने भी अपनी किताब ‘कल्चर ऑफ द सेपल्करे’ में लिखा है कि ईदी के पुराने घर कमांड पोस्ट में एक कमरा हमेशा ही बंद रहता था।उसमें सिर्फ ईदी के एक पुराने नौकर मोजेज को ही जाने की इजाजत थी, वो भी कमरा साफ करने के लिए।मगर एक बार अमीन की पांचवीं बीबी सारा क्योलाबा जबरदस्ती उस कमरे में चली गई थी।
उसने देखा कि कमरे में दो रेफ्रीजरेटर रखे हुए थे, जब उसने एक रेफ्रीजरेटर खोला तो वो चिल्ला कर बेहोश हो गई क्योंकि उसमें उसके एक पूर्व प्रेमी जीज गिटा का कटा हुआ सिर रखा हुआ था।इन सब किताबों के जरिए यह भी पता चला कि 16 अगस्त, 2003 में जेद्दा के अस्पताल में ईदी की मौत हो गई थी, जिसके बाद उसे वहीं रुवैस कब्रिस्तान में दफना दिया गया था।