कोरोनावायरस अब दहशत का दूसरा नाम बन चुका है। चीन के वुहान शहर से फैला यह वायरस अब दुनिया के करीब आधे देशों को अपनी चपेट में ले चुका है। अकेले चीन में अब तक 3000 से भी ज्यादा लोगों की इस वायरस की वजह से मौत हो चुकी है, जबकि करीब एक लाख लोग संक्रमित हैं। दुनियाभर के वैज्ञानिक इसपर शोध कर रहे हैं और इसका इलाज ढूंढने में लगे हुए हैं। इस बीच चीन के वैज्ञानिकों को एक बड़ी सफलता हाथ लगी है। उन्हें इस खतरनाक वायरस का ‘असली चेहरा’ मिल गया है। शेनझेन थर्ड हॉस्पिटल (अस्पताल) ने इसकी तस्वीरें भी जारी की हैं।
शोधकर्ताओं ने अत्याधुनिक माइक्रोस्कोप तकनीक का इस्तेमाल करते हुए कोरोनावायरस की ‘वास्तविक उपस्थिति’ दिखाने वाली पहली तस्वीरों को कैमरे में कैद किया। डेली मेल के मुताबिक, तस्वीर लेने से पहले उन्होंने वायरस को निष्क्रिय कर दिया था। फिलहाल वायरस के नमूने को सुरक्षित रख लिया गया है। यह अब तक का सबसे प्रामाणिक परिणाम माना जा रहा है।
चूंकि अब तक कोरोनावायरस का इलाज नहीं मिल पाया है, लेकिन वैज्ञानिक इसका इलाज ढूंढने की लगातार कोशिश कर रहे हैं। माना जा रहा है कि कोरोनावायरस की ये तस्वीरें वैज्ञानिकों को इसका इलाज ढूंढने में कारगर साबित हो सकती हैं।
शोधकर्ताओं की टीम के सदस्य प्रोफेसर लियू चुआंग ने बताया कि ‘वायरस की उपस्थिति जो हम देखते हैं, वह बिल्कुल वैसा ही है जैसा कि प्रकृति में होता है।’ कोरोनावायरस ने इंसान के शरीर के जिस कोशिका पर हमला किया था, वैज्ञानिकों ने उसकी भी तस्वीरें कैद कर ली हैं।
शेनझेन थर्ड हॉस्पिटल के सचिव लियू लेई का कहना है कि इस खोज से कोरोनावायरस के खिलाफ दवाईयों और टीकों के विकास में काफी मदद मिलेगी। साथ ही वायरस की तस्वीरों से उनके जीवन-चक्र को भी समझा जा सकता है।