रायपुर। लग रहा छत्तीसगढ़ भाजपा हार की मार और सत्ताविहीन होने की सुस्ती से जग रही है। इसमें पूरे डेढ़ साल लगे। हालांकि नींद पूरी तरह से टूटी है या फिर ये जम्हाई है, यह देखना बाकी रहेगा। फिलहाल, खबर यह है कि दोबारा सत्ता पाने के लिए फिर से धान और किसान ही भाजपा के खेवनहार होने जा रहे हैं। प्रदेश में धान खरीदी के मुद्दे पर भाजपा सरकार को घेरने जा रही है।
छत्तीसगढ़ में सत्ता तक जाने का रास्ता किसान और धान तय करते हैं, यह बात किसी से छिपी नहीं है। 15 सालों तक राज करने वाली भाजपा और उसके मंत्री नेता इस बात को भलिभांति जानते परखते हैं। इसलिए जब पूरे प्रदेश में धान खरीदी का मुद्दा गरमाया हुआ है, तब भाजपा इस आजमाए फार्मूले को साधने की रणनीति पर काम शूरु कर चुकी है।
सत्ता से उतरने के बाद पहली बार लगा कि भाजपा किसी मुद्दे को आंदोलन बनाने जा रही हो। धान खरीदी की मांग को लेकर सड़कों पर उतरे किसानों की पिटाई हो गई। सत्ता पक्ष के लिए इससे बड़ा सेटबैक नहीं होता और विपक्ष के लिए मौका। भाजपा मौका लपक ली। पांच सदस्यीय टीम तथ्य जानने ग्राउंड जीरो केशकाल पहुंच गई। इसके बाद प्रदेश भाजपा के शीर्ष नेता एकजुट होकर राज्यपाल को ज्ञापन सौंपने राजभवन पहुंच गए। इसमें पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह, पूर्व मंत्री केदार कश्यप, सरोज पांडे समेत बड़े नेता मौजूद रहे।
राज्यपाल से मिलने के बाद भाजपा ने ऐलान किया कि सरकार धान खरीदी की सीमा बढाए, नहीं तो भाजपा की तरफ से 22 फरवरी को प्रदेशभर में धरना प्रदर्शन होगा। पूरे प्रदेश में किसान धान बेचने को लेकर परेशान हैं।
सड़क से लेकर सदन तक की होगी लड़ाई
बाद में प्रेस कांफ्रेंस की गई। प्रेस कांफ्रेस के चेहरा भी पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह रहे। हालांकि मंच पर प्रदेशाध्यक्ष विक्रम उसेंडी, रामविचार नेताम, सांसद संतोष पांण्डेय, किसान मोर्चा के पदाधिकारी भी मौजूद थे. रमन सिंह ने कहा-
सभी जिलों के किसान धान बेचने को लेकर परेशान हैं, रतजगा कर रहे हैं. उन्हें टोकन नहीं दिया जा रहा है. प्रदेश में सरकार का कोई जिम्मेदार व्यक्ति नहीं है जो किसानों की समस्याएं सुन सके. 20 लाख मेट्रिक टन धान की खरीदी बकाया है. 22 फरवरी को भाजपा किसान मोर्चा के नेतृत्व में सभी जिला मुख्यालयों में धरना दिया जाएगा. हमने इसकी जानकारी राजपाल को दे दी है. 16 दिन धान खरीदी सरकार की खामियों की वजह नहीं हुई है. हम 15 दिन और बढ़ाने की मांग करते हैं।
रमन सिंह ने मांग की कि सरकार लाठी चार्ज मामले में जांच कमेटी बना कर जांच करे। उन्होंने समर्थन मूल्य की बकाया राशि देने और बोनस दिये जाने की भी मांग की है. साथ ही कहा कि इस मामले को विधानसभा में भी उठाया जाएगा.
अंधेरे में घेर कर मारा गया किसानों को- भाजपा
लाठीचार्ज मामले में जांच कर लौटी पांच सदस्यीय कमेटी के सदस्य सन्दीप शर्मा ने कहा कि किसानों को केशकाल में अंधेरे में घेर मारा गया है. कई किसान बुरी तरह घायल हुए हैं केशकाल के किसान बारदाना नहीं होने की वजह से धरना प्रदर्शन और चक्काजाम कर रहे थे. 32 हजार किसान हैं इलाके में इसमें से केवल 25 हजार किसानों का धान खरीदा गया है. सैकड़ों किसानों को टोकन नहीं दिया जा रहा. अधिकारी किसानों से लिखवा रहे हैं कि उनके पास नहीं है. कलेक्टर ने चौथा टोकन ब्लाक कर दिया है.मुख्यमंत्री ने वादा किया था जरूरत पड़ेगी तो चौथा टोकन जारी किया जाएगा.