ईमानदार टैक्सपेयर्स को प्रोत्साहन और कर प्रणाली में पारदर्शिता बढ़ाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को एक नए खास प्लेटफॉर्म की शुरुआत की। इस प्लेटफॉर्म का नाम ‘ट्रांसपैरेंट टैक्सेशन: ऑनरिंग द ऑनेस्ट’ दिया गया है। इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि ये प्लेटफॉर्म 21वीं सदी के टैक्स सिस्टम की शुरुआत है, जिसमें फेसलेस असेसमेंट-अपील और टैक्सपेयर्स चार्टर जैसे बड़े रिफॉर्म हैं।
बता दें कि इस नए टैक्स प्लेटफॉर्म के तहत करदाता को फेसलेस असेसमेंट, टैक्स पेयर्स चार्टर, फेसलेस अपील की सुविधा मिलेगी। साथ ही अब टैक्स देने में आसानी होगी, तकनीक की सहायता से लोगों पर भरोसा जताया जाएगा।
पीएम मोदी ने कहा कि अब जान-पहचान का मौका खत्म हो गया है, ट्रांसफर पोस्टिंग के मसलों से राहत मिलेगी। वहीं, टैक्स से जुड़े मामलों की जांच और अपील दोनों ही फेसलेस होंगी। अब आयकर विभाग को टैक्सपेयर का सम्मान रखना जरूरी होगा। पीएम ने कहा कि टैक्सपेयर्स के योगदान से ही देश चलता है और उसे तरक्की का मौका मिलता है।
प्रधानमंत्री ने बताया कि 2012-13 में जितने टैक्स रिटर्स होते थे और उनकी स्क्रूटनी होती थी आज उससे काफी कम है, क्योंकि हमने टैक्सपेयर्स पर भरोसा किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आज 130 करोड़ लोगों में से सिर्फ डेढ़ करोड़ लोग ही टैक्स भर रहे हैं, ये संख्या काफी कम है। हर व्यक्ति को इसपर चिंतन करना होगा, इससे ही देश आत्मनिर्भर आगे बढ़ेगा। पीएम ने कहा कि 15 अगस्त से ही लोग टैक्स देने का संकल्प लें।
पीएम मोदी ने कहा कि इनमें कुछ सुविधा अभी से लागू हो गई है, जबकि पूरी सुविधा 25 सितंबर से शुरू होगी। प्रधानमंत्री बोले कि पिछले कुछ वक्त में हमने इन मसलों पर फोकस किया है, ये नई यात्रा की शुरुआत है। अब ईमानदार का सम्मान होगा, एक ईमानदार टैक्सपेयर राष्ट्र निर्माण में भूमिका निभाता है। आज से शुरू हो रही नई व्यवस्थाएं, नई सुविधाएं मिनिमम गवर्नमेंट-मैक्सिमम गवर्ननेंस को आगे बढ़ाती हैं। पीएम ने कहा कि इससे सरकार का दखल कम होगा।
फेसलेस असेसमेंट क्या है
फेसलेस का मतलब टैक्सपेयर कौन है और आयकर अधिकारी कौन है, उससे कोई मतलब नहीं होना चाहिए। पहले शहर का ही आयकर विभाग छानबीन करता था, लेकिन अब किसी भी राज्य या शहर का अधिकारी कहीं की भी जांच कर सकता है। ये सब भी कंप्यूटर से तय होगा कि कौन सा टैक्स असेसमें कौन करेगा। यहां तक कि असेसमेंट से निकला रिव्यू भी किस अधिकारी के पास जाएगा, ये किसी को पता नहीं होगा। इसका सबसे बड़ा फायदा ये होगा कि आयकर अधिकारियों से जान पहचान बनाने और दबाव बनाने के हथकंडे भी नहीं चलेंगे। इससे अनावश्यक मुकदमेबाजी से भी बचा जा सकेगा। उन लोगों के इससे दिक्कत होगी, जो गलत तरीके अपनाते थे और टैक्स नहीं भरते थे।
टैक्सपेयर चार्टर का मतलब क्या?
पीएम मोदी ने टैक्सपेयर चार्टर को देश की विकास यात्रा में एक बड़ा कदम कहा है। वह बोले कि ये टैक्सपेयर के अधिकार और कर्तव्यों को संतुलित करने का कदम है। टैक्स पेयर को इस स्तर का सम्मान और सुरक्षा देने वाले बहुत ही कम गिने चुके देश हैं और अब भारत भी उसमें शामिल हो गया है। टैक्सपेयर की बात पर विश्वास करना होगा। अगर किसी पर शक है तो टैक्सपेयर को अब अपील और समीक्षा का अधिकार दिया गया है। इस चार्टर में टैक्स पेयर से कुछ अपेक्षाएं भी की गई हैं। मोदी बोले कि टैक्स देना और सरकार के लिए टैक्स लेना हक का विषय नहीं, बल्कि ये दोनों की जिम्मेदारी है। टैक्स इसलिए देना है, क्योंकि उसी से सिस्टम चलता है, बड़ी आबादी के प्रति देश अपना फर्ज निभा सकता है, इसी टैक्स से खुद टैक्सपेयर्स को भी बेहतर सुविधाएं और इंफ्रास्ट्रक्चर मिलता है। करदाताओं को सुविधा और सुरक्षा मिल गई है, इसलिए अधिक जागरुक करने की अपेक्षा की जा रही है।