दिल्ली में तीसरी बार अरविन्द केजरीवाल के नेतृत्व वाली आप पाटी की सरकार बनना तय हो गया। चुनाव आयोग द्वारा दोपहर तक के रूझानो में पार्टी 62 सीटो पर आगे है, जबकी बीजेपी मात्र 8 सीट पर बढ़त लिये हुए है। वही कांग्रेस खाता भी नही खोल पाई।
वहीं जीत के बाद केजरीवाल कनॉट प्लेस स्थित हनुमान मंदिर में दर्शन करने पहुंचे। केजरीवाल के साथ उपमुख्यमंत्री सिसोदिया भी मौजूद थे। इससे पहले केजरीवाल ने पार्टी कार्यालय पर कहां आज एक नई राजनीति को जन्म मिला है। ये काम की राजनीति है।दिल्ली वालो ने संदेश दे दिया कि वोट उसी को जो बुनियादी मुद्दो पर ध्यान देगा।ये नई किस्म की राजनीति है। और ये मेरी जीत नही जनता की जीत है।
आइए एक नज़र डालते हैं कि आखिर कैसे अरविंद केजरीवाल ने जनाधार अपने पक्ष में किया । यानी जीत के वो मुख्य कारधण जिसने अरविंद केजरीवाल को लगातार तीसरी बार दिल्ली की सत्ता दिलाई।
- बिजली, पानी फ्री
अरविंद केजरीवाल ने इस बार सबसे बड़ा दांव बिजली और पानी पर खेला। उन्होंने इसे लगभग फ्री कर दिया। 200 यूनिट तक फ्री बिजली के चलते पिछले कुछ समय से काफी लोगों को बिजली का कोई बिल नहीं देना पड़ता था। पिछले साल अगस्त में केजरीवाल ने पानी के बकाया बिलों को माफ कर दिया था। इसके अलावा आम आदमी पार्टी ने पिछले 5 साल में 93% कॉलोनियों में पाइपलाइन बिछाने का दावा किया। - स्कूल में सुधार अरविंद केजरीवाल की सरकार लगातार स्कूलों में विकास का मुद्दा उठाती रही। शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने दावा किया कि कई सरकारी स्कूलों की हालत प्राइवेट स्कूल से बेहतर है। पिछले 5 साल के दौरान शिक्षा का बजट भी बढ़ाया गया। आम आदमी पार्टी की सरकार ने दावा किया है कि दिल्ली के सरकारी स्कूलों से पिछले साल 12वीं की परीक्षा में 96.2 फीसदी बच्चे पास हुए थे जबकि प्राइवेट स्कूलों के 93 फ़ीसदी बच्चे ही पास हो पाए थे।
- महिलाओं के लिए डीटीसी बस फ्री
पिछले साल अक्टूबर में केजरीवाल ने दिल्ली सरकार की ओर से डीटीसी की बसों में महिलाओं को मुफ्त सफर का तोहफा दिया। महिलाओं को डीटीसी की एसी और नॉन एसी बसों में सफर के लिए सिंगल जर्नी ट्रैवल पास जारी किया गया। आम आदमी की योजना महिलाओं के लिए मेट्रो में भी फ्री सेवा देने की थी। लेकिन केंद्र सरकार ने इस पर रोक लगा दी।
- हॉस्पिटल और मोहल्ला क्लिनिक
आम आदमी पार्टी ने स्वास्थ्य सेवाओं पर काफी काम किया। पार्टी ने मोहल्ला क्लिनिक के तहत गरीबों को घर के करीब चिकित्सा सुविधाएं पहुंचा दीं। पार्टी ने वादा किया है कि अगले कुछ महीनों में 1000 मोहल्ला क्लिनिक खोले जाएंगे। मोहल्ला क्लिनिक रविवार को छोड़कर सभी दिन खुले रहते हैं। यहां मरीजों को बुनियादी मेडिकल सुविधाएं मिलती हैं।
- मोदी पर हमलावर न होना
पिछले करीब एक साल से केंद्र सरकार के खिलाफ अरविंद केजरीवाल के रुख में बड़ा बदलाव देखने को मिला। बात-बात पर पीएम नरेंद्र मोदी को कोसने वाले केजरीवाल ने अचानक चुप्पी साध ली। शायद उन्हें किसी राजनीतिक रणनीतिकार ने सलाह दी कि पीएम मोदी पर निशाना बनाने का उन्हें कोई फायदा नहीं मिलने वाला है
- बीजेपी का सीएम फेस ना होना
इस चुनाव में बीजेपी ने किसी को भी मुख्यमंत्री के तौर पर पेश नहीं किया। केजरीवाल अपने आप में एक बड़ी शख्सियत है। पिछली बार बीजेपी ने किरण बेदी को सीएम के तौर पर पेश किया था। लेकिन इसके बावजूद पार्टी को हार का सामना करना पड़ा था। इस बार भी आम आदमी पार्टी लगातार बीजेपी पर सीएम के नाम को लेकर हमला करती रही। जिसका नुकसान बीजेपी को उठाना पड़ा।
- बीजेपी को हर मुद्दे पर जवाब
इस बार चुनाव प्रचार के दौरान देखा गया कि जब भी बीजेपी ने आप को किसी मुद्दे पर घेरने की कोशिश की तो उसने उसी की भाषा में जवाब दिया। मसलन बीजेपी ने राष्ट्रवाद का मुद्दा उछाया तो आप ने इसे अपने स्कूली सिलेबस में जोड़ने का ऐलान कर दिया। इसके अलवा केजरीवाल हनुमान चालीसा भी पढ़ने लगे।
- कांग्रेस कमजोर
इस बार कांग्रेस बेमन से दिल्ली का चुनाव लड़ी। आखिरी लम्हों में कांग्रेस ने चुनाव प्रचार करना शुरू किया। लिहाजा चुनाव में वोटों का बंटवारा नहीं हुआ। अगर कांग्रेस पूरी ताकत से चुनाव लड़ती तो फिर बीजेपी को इसका फायदा मिल सकता था।
- शाहीन बाग का मुद्दा
शाहीन बाद का मुद्दा भी इस चुनाव में काफी बड़ा हो गया था। केजरीवाल सोची समझी रणनीति के तहत एक बार भी शाहीन बाग नहीं गए। इसके अलावा पिछले दिनों CAA के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान घायल हुए जेएनयू और जामिया के छात्रों से भी मिलने के लिए भी केजरीवाल नहीं पहुंचे। केजरीवार बार-बार ये कहते रहे कि शाहीन बाग का रास्ता गृह मंत्री अमित शाह को खुलवाना चाहिए।