छत्तीसगढ़ में गोवंश तस्करी को रोकने साय सरकार का मास्टर स्ट्रोक! कितना सच, कितना झूठ. जानिए पूरी डिटेल

रायपुर. छत्तीसगढ़ में गौ तस्करो को रोकने की दिशा में साय सरकार ने बड़ी पहल की है. प्रदेश के डीजीपी अशोक जुनेजा ने प्रदेशभर के पुलिस अधिकारियों के लिए नया परिपत्र जारी किया. उसमें तमाम निर्देश और आदेश दिए गए हैं. इस परिपत्र के आधार पर गृह मंत्री विजय शर्मा ने दावा किया कि छत्तीसगढ़ में अब गो तस्करी संभव नहीं होगा. सरकार ने इतने प्रावधान कर दिए कि गो तस्करी पूरी तरह रूक जाएगी.

क्या सच में सरकार ने नया कानून बना दिया है. जवाब होगा- नहीं. ये अलग बात है कि प्रदेश के कई बड़े मीडिया संस्थानों ने इसे नए कानून के तौर पर प्रोजेक्ट किया है. लीडिंग अखबरों ने ऐसे खबर बनाई जैसे अभी अभी कोई नया कानून बना हो.

डीजीपी अशोक जुनेजा की ओर से जारी परिपत्र से ही सबकुछ साफ हो जाता है. उन्होंने परिपत्र में उन तमान कानून का जिक्र किया है जो 2004 से ही छत्तीसगढ़ में लागू हैं. कृषिक पशुधन जैसे गाय, बछड़ा, बैल, भैंस, पाड़ा, पड़वा के संरक्षण , परिरक्षण के लिए ये कानून बना था. 2011, 2014 और 2017 में कुछ नए प्रावधान के साथ नए उपाय भी किए गए. ये तमाम कानून प्रावधान करता है कि छत्तीसगढ़ में कृषिक पशुओं की तस्करी नहीं की जाएगी. उसका अवैध परिवहन, हत्या, वध और मांस बिक्री प्रतिबंधित होगा. ऐसा करने पर 7 साल की सजा और 50 हजार रुपये जुर्माने का प्रावधान है. ये सब कुछ पहले से लागू है. नया कुछ नहीं हैं.

लेकिन साय सरकार ने इसे नई जिम्मेदारी और कुछ नई व्यवस्थाओं के साथ लागू करने का फैसला किया है. नई जिम्मेदारी क्या है, वह समझिए. अब गौ तस्करी के लिए सीधे सीधे एसपी और थानेदार नपेंगे. डीजीपी की ओर से जारी परिपत्र में कहा गया है कि छत्तीसगढ़ में गौ तस्करी करते कोई वाहन पकड़ाया, तो जहां से ये वाहन चलना शुरू हुए थे वहां से लेकर जहां तक ये वाहन पकड़ाए, उस रुट में आने वाले तमाम जिलों के एसपी, और तमाम थानेदारों को इसका जिम्मेदार माना जाएगा. उनकी सर्विस बुक में नेगेटिव रिमार्क लिखा जाएगा. पांच से ज्यादा रिमार्क हो गए तो फिर अनुशासनात्मक कार्रवाई हो जाएगी. यही नई जिम्मेदारी इसे ज्यादा प्रभावशील बनाती है.

अब दूसरा प्रावधान देखिए. गृह मंत्री विजय शर्मा ने बयान दिया है कि सक्षम अधिकारी की ओर से गौवंश के परिवहन के लिए परमिट लेना होगा. जिस गाड़ी में परिवहन किया जा रहा है, उस पर फ्लैक्स लगाया जाएगा और बताया जाएगा कि इसमें पशुधन का परिवहन किया जा रहा है. ऐसा नहीं किया गया तो उसे अवैध परिवहन या तस्करी माना जाएगा. फिर गाड़ी जब्त होगी, गाड़ी के मालिक पर एफआईआर होगा. और आरोपी की संपत्ति भी कुर्क होगी.

इन्ही दो क्लॉज में साय सरकार ने अपने तेवर स्पष्ट कर दिए हैं. यानी सरकार गौतस्करी को रोकने के लिए गंभीर होने का संदेश दे रही है.