दिल्ली चुनाव में कांग्रेस की हालत फिर बदतर हो गई है। पांच सालों में प्रदर्शन जीरो पर जीरो ही नजर आ रहा है। शुरूआती रुझान में कांग्रेस को एक सीट पर बढ़त मिल भी रही थी, लेकिन एक घंटे में ही पार्टी वो रुझान गंवा बैठी। अगर ऐसा ही रहा तो पिछले पांच सालों में कांग्रेस का प्रदर्शन जीरो पर जीरो ही माना जाएगा।
दिल्ली चुनाव पहले भी सीधे सीधे कांग्रेस और भाजपा के बीच नजर आ रही थी। नतीजों के रुझान से ऐसा होता भी दिख भी रहा था. हालांकि कुछ एक्जिट पोल में कांग्रेस को एक सीट जरुर मिलती दिखाई गई थी। आज जब रुझान आने शुरू हुए तो कांग्रेस को एक सीट पर बढ़त भी मिली। लेकिन अब वो बढ़त भी गंवा ली है। कांग्रेस अब किसी भी सीट पर आगे नहीं चल रही है।
आप को अनकही समर्थन
चुनावी पंडितों का मानना है कि इस चुनाव में कांग्रेस तो थी ही नहीं। वह जानबूझ कर मैदान से आऊट थी, ताकि वोट का बंटवारा न हो और भाजपा जीत से बाहर रहे। जानकार मानते हैं कि अगर कांग्रेस मजबूत स्थिति में होती तो सबसे ज्यादा नुकसान आप को ही होता। कांग्रेस का वोट आप के वोट बैंक में ही सेंध माना जाता है। इसलिए कांग्रेस ने भाजपा को सत्ता से दूर रखने के लिए आप को अघोषित समर्थन देने का फैसला किया।