आतंकवाद पर ‘ट्रंप’ गेम: पाकिस्तान को इस्लामिक आतंकवाद के खिलाफ एक्शन लेना ही होगा…2 मिनट बाद कहा– पाकिस्तान से हमारे अच्छे संबंध, उसके साथ मिल कर सीमा पार आतंकवाद को रोकने की कोशिश करेंगे

अमेरिका के राष्ट्रपति चौंकाने वाले बयान देने में माहिर हैं। वो कब क्या बोल दें, इसे कोई नहीं समझ सकता। खुद अमेरिकी राष्ट्रपति कार्यायल के अधिकारी भी भौंचक रह जाते हैं। जब आप उनसे अपने लिए समर्थन की उम्मीद कर रहे हों, तभी वो आपको बड़ा झटका दे सकते हैं। भारत दौरे पर भी उनका यही रवैया दिखा।

आतंकवाद के मुद्दे भारत के साथ पाकिस्तान के क्या ताल्लुक है, इसे वो भी बखूबी जानते हैं। लेकिन अहमदाबाद के क्रिकेट स्टेडियम में लाखों लोगों की भीड़ को संबोधित करते हुए आतंकवाद की लड़ाई में भारत के साथ होने की बात कही… लेकिन चंद मिनट बाद ही पाकिस्तान के साथ अपने अच्छे संबंध बताते हुए सीमा पार आतंकवाद को खत्म करने में पाकिस्तान के साथ की भी बात कर देते हैं। कहना नहीं होगा कि उन्होंने भारत के जख्म पर एक तरह से नमक ही रगड़ा है। आप भी पढ़िए, अहमदाबाद में संबोधित करते हुए डोनाल्ड ट्रंप का बयान-

हमारा प्रशासन आतंक के खिलाफ कड़े एक्शन ले रहा है, पाकिस्तान पर भी हमने दबाव बनाया है। पाकिस्तान को आतंकवाद के खिलाफ एक्शन लेना ही होगा, हर देश को अपने सुरक्षित करने का अधिकार है।  हमारे नागरिकों की सुरक्षा पर खतरा बनने वालों को भारी कीमत चुकानी पड़ेगी हमारा देश इस्लामिक आतंकवाद का शिकार रहा है, इसके खिलाफ हमने लड़ाई लड़ी है। भारत और अमेरिका आतंकवाद के खिलाफ लड़ने और अपनी सीमाओं को सुरक्षित रखने के प्रति प्रतिबद्ध हैं।

पाकिस्तान के साथ मिलकर सीमा पार आतंकवाद को खत्म करने की कोशिश करेंगे- हमारे पाकिस्तान से अच्छे संबंध हैं। हमें लग रहा है कि पाकिस्तान कुछ कदम उठा रहा है। ये पूरे दक्षिण एशिया के लिए जरूरी है। भारत को इसमें अहम योगदान निभाना है।  कट्टर इस्लामिक आतंकवाद से अपने नागरिकों को बचाने के लिए हम दोनों साथ मिलकर काम करेंगे। हमने आईएसआईएस दरिंदे बगदादी को मार गिराया। हम पाकिस्तान के साथ मिलकर सीमापार आतंकवाद को रोकने की कोशिश करेंगे। 

भारत से ज्यादा अफगानिस्तान में अपने सैनिकों की चिंता

पाकिस्तान प्रेम के पीछे अमेरिका का अपना हित है। याद रखिए, ट्रंप पक्का बिजनेसमैन ही हैं। उन्हें अपना नफा नुकसान सबसे पहले नजर आता है। पाकिस्तान प्रेम वाले बयान के पीछे अमेरिका की अफगानिस्तान में स्थिति है।सालों से अमेरिका अफगानिस्तान में तालिबानियों के खिलाफ लड़ाई लड़ रहा है।अब वह अपना सैनिक वहां से निकालना चाहता है। इसके लिए तालिबान को मनाना जरुरी है। तालिबानियों पर पाकिस्तान का प्रभाव है। इसलिए बिना पाकिस्तान की मदद के अमेरिकी सैनिकों का अफगानिस्तान से विदाई आसान नहीं। इसलिए पाकिस्तान को सहयोगी बताना जरुरी है।