नई दिल्ली। पूरी दुनिया में कोरोना महामारी (corona pandemic) ने कहर मचाया हुआ है। हर कहीं एक ही सवाल लोगों की जुबां पर है। कोरोना का वैक्सीन (Coronavirus Vaccine) कब (when) तक आएगा। भारत में भी यही सवाल है। इस पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन (dr. harsh vardhan) ने बताया है कि अगले साल की शुरूआत में देश (india) में यह वैक्सीन आ सकती है।
गुरुवार को राज्यसभा में उन्होंने बताया कि कब तक वैक्सीन (Coronavirus Vaccine) के आने की संभावना है। हर्षवर्धन ने बताया कि उन्हें उम्मीद है कि अगले साल की शुरुआत तक देश के लोगों को कोरोना की वैक्सीन उपलब्ध हो सकेगी।
डॉ. हर्षवर्धन ने राज्यसभा में कहा, ‘भारत अन्य देशों की तरह कोशिश कर रहा है। प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में एक एक्सपर्ट ग्रुप इसकी देखरेख कर रहा है और हमारे पास एडवांस प्लानिंग है। हमें उम्मीद है कि अगले साल की शुरुआत तक भारत में वैक्सीन उपलब्ध होगी।’
उन्होंने कहा कि देश में कोरोना वायरस से होने वाली मौत की दर फिलहाल, दुनिया के अन्य देशों की तुलना में सबसे कम (1.64) फीसदी है और सरकार का लक्ष्य इस मृत्यु दर को घटा कर एक फीसदी से भी कम करने का है। कोरोना वायरस महामारी पर राज्यसभा में हुई चर्चा का जवाब देते हुए स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री हर्षवर्द्धन ने कहा कि भारत में कोविड मरीजों के स्वस्थ होने की दर 78 से 79 फीसदी है। उन्होंने कहा कि भारत कोविड-19 से स्वस्थ होने की उच्च दर वाले गिने-चुने देशों में शामिल है।
हर्षवर्धन ने कहा कि भले ही कोरोना वायरस के कुल मामलों की संख्या भले अधिक हो लेकिन अस्पतालों में इलाज करा रहे कोविड मरीजों की संख्या 20 फीसदी से कम है। उन्होंने कहा कि भारत में कोविड महामारी की वजह से जान गंवाने वाले लोगों की संख्या यूरोप के कई देशों की तुलना में कम है। मंत्री ने कहा कि सरकार भारत में अमेरिका की तुलना में अधिक कोविड जांच करने पर विचार कर रही है।
देश में तीन कोरोना वैक्सीन पर चल रहा काम
देश में तीन कोरोना वैक्सीन पर काम चल रहा है। इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) ने बताया था कि भारत में तीन वैक्सीन का ट्रायल किया जा रहा है और इसमें से एक को जल्द ही मंजूरी मिलने के बाद तीसरे चरण का ट्रायल शुरू हो जाएगा। कैडिला हेल्थकेयर और भारत बोयोटेक की तरफ से तैयार की जा रही कोविड-19 वैक्सीन ने ट्रायल का पहला फेज पूरा कर लिया है। वहीं, पुणे की दवा निर्माता कंपनी सीरम इंस्टीट्यूट की तरफ से 14 जगहों पर फेज-3 के दौरान 1500 वालेंटियर्स पर दवा का ट्रायल किया जाएगा।