विशाखापट्टन गैस लीक हादसे में 2 बच्चे समेत 9 की मौत, 1000 लोग अस्पताल में भर्ती, सीएम पहुंचे देखने

विशाखापट्टनम. आंध्र प्रदेश के विशाखापट्टनम में गुरुवार तड़के एक केमिकल प्लांट से गैस लीक हो गई। इस हादसे में अब तक 9 लोगों की मौत हो चुकी है। मरने वालों में 2 बच्चे भी शामिल हैं। अब तक करीब 1000 लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। इनमें से 80 लोगों को वेंटिलेटर पर रखा गया है। हालांकि अब हालात पर काबू पा लिया गया है।

जानकारी के मुताबिक यह हादसा तड़के 3 से 3:30 बजे के बीच एलजी पॉलिमर्स इंडस्ट्री के प्लांट में हुआ। सुबह करीब 5:30 बजे न्यूट्रिलाइजर्स के इस्तेमाल के बाद हालात काबू में आए। तब तक गैस 4 किलोमीटर के दायरे में आने वाले 5 छोटे गांवों में फैल हो चुकी थी। एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, एनडीएमए और नौसेना की टीम ने रेस्क्यू ऑपरेशन किया। एनडीआरएफ के डीजी एस एन प्रधान ने कहा है कि अब स्थिति नियंत्रण में है। यह यह कोशिश की जा रही है कि और लीकेज नहीं हो।

गैस लीक हादसे के बाद प्रधानमंत्री ने भी अपने आवास पर बैठक कर स्थिति की समीक्षा की । वहीं आध्रप्रदेश के मुख्यमंत्री भी विशाखापट्टनम पहुंच गए हैँ। देश के कई बड़े नेताओं और शख्सियतों ने घटना पर शोक प्रकट किया है।

कई लोग मौके पर पहुंचे, वहीं बेहोश होकर गिर गए
आंध्र प्रदेश के डीजीपी दामोदर गौतम सवांग ने बताया कि सुबह 5:30 बजे न्यूट्रिलाइजर्स के इस्तेमाल के बाद हालात काबू में आए।  मारे गए 8 लोगों में से 2 की मौत दहशत में भागते समय हुई। इनमें से एक आदमी कंपनी की दूसरी मंजिल से गिरा, जबकि दूसरा कुएं में गिर गया। हादसे की खबर लगते ही कई लोग मौके पर पहुंचे, लेकिन वहीं बेहोश होकर गिर गए। आसपास के घरों में भी लोग बेहोश मिले। कुछ लोगों के शरीर पर लाल निशान पड़ गए।

स्टाइरीन गैस लीक हुई; यह फाइबर, रबर, पाइप बनाने में इस्तेमाल होती है
जो गैस लीक हुई, वह पीवीसी यानी स्टाइरीन कहलाती है। यह न्यूरो टॉक्सिन है। इसका केमिकल फॉर्मूला C6H5CH=CH2 होता है। यह सबसे लोकप्रिय ऑर्गनिक सॉल्वेंट बेंजीन से पैदा हुआ पानी की तरह बिना रंग वाला लिक्विड होता है। इसी से गैस निकलती है। यह दम घोंट देने वाली गैस है। यह सांसों के जरिए शरीर में चली जाए तो 10 मिनट में ही असर दिखाना शुरू कर देती है। यह गैस पॉलिस्टाइरीन प्लास्टिक, फाइबर ग्लास, रबर और पाइप बनाने के प्लांट में इस्तेमाल होती है।