रायपुर। कोरोना महामारी ने अब अपना रौद्र रूप दिखाना शुरू कर दिया है। इसकी चपेट में आकर मरने वालों का आंकड़ा बेहद तेजी से बढ़ता जा रहा है। इसी कड़ी में एक शिक्षक की भी मौत हो गई। यह शिक्षक अपने घर से ही ऑनलाइन क्लास ले रहा था, लेकिन आरोप है कि स्कूल के प्रधानपाठक ने स्कूल आने का दवाब डाला और शालेय कार्य करना पड़ा। इसी दौरान वो कोरोना की चपेट में आकर जान गंवा बैठे। अब शिक्षक संघ पीड़ित परिवार को 50 लाख का मुआवजा देने और आश्रितों को अनुकंपा नियुक्ति की मांग कर रहा है।
यह मामला है छत्तीसगढ़ के बेमेतरा जिला का है। बेरला विकासखंड के प्राथमिक शाला सुरहोली में दीपक कुमार टंडन सहायक शिक्षक के रूप में कार्यरत थे। बताते हैं कि वो अपने घर से ही ऑनलाइन कक्षा लेकर शैक्षिक गतिविधि का संचालन कर रहे थे। लेकिन प्रधान पाठक के द्वारा शालेय कार्य करने के लिए स्कूल में उपस्थित होने का दबाव बनाया गया । दवाब में आकर दीपक टंडन को संस्था में उपस्थित होकर शालेय कार्यों को करना पड़ा। असुरक्षित वातावरण में काम करने के चलते दीपक कोरोना से संक्रमित हो गए। जब उनकी तबीयत बिगड़ने लगी तब उसे रायपुर के बालाजी हॉस्पिटल रायपुर में भर्ती कराया गया जहां इलाज के दौरान उसकी मृत्यु हो गई।
इस घटना के बाद संयुक्त शिक्षक संघ ने गहरा आक्रोश जताया है। संयुक्त शिक्षक संघ के प्रांताध्यक्ष केदार जैन ने कहा कि एक तरफ तो शिक्षा विभाग शैक्षणिक कार्यों को स्वैच्छित बता रहा है, वहीं दूसरी तरफ धरातल पर अधिकारी दबाव व भय का वातावरण बनाकर जबरन शिक्षको से असुरक्षित वातावरण में कार्य कराया जाता हैं। मुख्यमंत्री एवं शिक्षा मंत्री इस पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाएं। उन्होंने मांग की कि जो अधिकारी व संस्था प्रमुख दबाव व भय का वातावरण बना रहे हैं उनके खिलाफ निलबंन सहित महामारी एक्ट व गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज किया जाए। संघ ने सरकार से मांग की है कि यह सुनिश्चित किया जाए कि इस प्रकार की घटना की पुनरावृत्ति आगे ना हो अन्यथा संघ को कड़ा रुख अख्तियार करते हुए धरातल पर विरोध प्रदर्शन करने के लिए विवश होना पड़ेगा।
संघ के प्रांताध्यक्ष केदार जैन सहित ममता खालसा, ओम प्रकाश बघेल, अर्जुन रत्नाकर,, गिरजा शंकर शुक्ला, माया सिंह, नरोत्तम चौधरी, सोहन यादव, रूपानंद पटेल, ताराचंद जायसवाल, मुकुंद उपाध्याय, अमित दुबे, सचिन त्रिपाठी, संतोष टांडे, जिला बेमेतरा के जिलाध्यक्ष आशीष वर्मा एवं महिला प्रकोष्ठ के जिलाअध्यक्ष शिखा चौबे ने इस घटना पर गहरा दुख व्यक्त किया है। साथ ही सरकार से मांग की है कि दिवंगत शिक्षक के आश्रित को 50 लाख बीमा की राशि व सहायक शिक्षक पद पर तत्काल अनुकम्पा नियुक्ति प्रदान की जाए।