रायपुर। प्रदेश सरकार ने शिक्षकों को एक बार फिर से कोरोना मोर्चे पर तैनात कर दिया है। तीन चरणों की सर्वे ड्यूटी के बाद अब सरकार ने शिक्षकों को नई जवाबदेही दे दी है। शिक्षकों के हाथ में पल्स मीटर और ऑक्सीमीटर थमा दिया गया है। उन्हें घर घर जा कर सर्वे करने के लिए कहा गया है।
यह शिक्षक घर घर जाकर प्रत्येक व्यक्ति का ऑक्सीजन लेवल चेक करेंगे । अगर ऑक्सीजन लेवल कम है तो उन्हें कोरोना जांच के लिए तैयार करेंगे । लेकिन सरकार के इस कदम के खिलाफ शिक्षक संघ ने आवाज बुलंद कर दी है । शिक्षक संघ ने शिक्षा सचिव के एक आदेश का हवाला देते हुए कहा है कि शिक्षकों को गैर शिक्षक कार्य में ड्यूटी ना लगाई जाए । इसके विरोध में आज प्रदेश के तमाम शिक्षक संगठन के प्रतिनिधियों ने रायपुर कलेक्टर को एक ज्ञापन सौंपा ।
शिक्षक संघ के प्रतिनिधियों ने मांग की कि उन्हें इस तरह के जांच ड्यूटी से अलग किया जाए । उन्होंने आशंका जताई कि इससे खुद शिक्षकों के संक्रमित होने का खतरा है। साथ ही अगर कोई शिक्षक संक्रमित है तो वह खुद का वाहक बन जाएगा।
राज्य शासन के साथ साथ रायपुर कलेक्टर से मांग करता हूं कि जो शिक्षक पढ़ाई करा रहे हैं, स्कूल का काम कर रहे हैं, उन्हें ऑक्सीजन लेवल चेक करने की ड्यूटी से मुक्त किया जाए। अन्यथा संघ आंदोलन के लिए बाध्य होगा। – वीरेंद्र दुबे, प्रांताध्यक्ष, छग शालेय शिक्षक संघ