भावी शिक्षकों पर FIR के खिलाफ आगे आया शालेय शिक्षक संघ, प्रांताध्यक्ष वीरेंद्र दुबे ने कहा- शून्य हो कार्रवाई, जल्द की जाए भर्ती

रायपुर। 7 सितंबर को राजधानी में भावी शिक्षकों के प्रदर्शन पर सरकार की ओर से कराए गए एफआईआर के विरोध में अब शालेय शिक्षक संघ उतर आया है। भावी शिक्षकों को समर्थन देते हुए संघ ने एफआईआर की निंदा करते हुए कार्रवाई को शून्य करने की मांग की। साथ ही जल्द ही शिक्षकों की भर्ती करने की भी मांग की।

शालेय शिक्षक संघ ने शासन के इस दमनकारी कृत्य की घोर निंदा की है। संघ के प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र दुबे ने बताया कि हमारा संगठन भावी शिक्षको के साथ है । उनकी मांगे जायज है. हमारा संगठन मांग करता है कि शासन भर्ती प्रक्रिया को जल्द से जल्द पूर्ण करें।

वीरेंद्र दुबे ने बताया कि भावी शिक्षक अपनी मांगों को लेकर लगातार सरकार के सामने ज्ञापन दिया। साथ ही पूर्व में धरना प्रदर्शन भी किया और शासन को अपने 22 अगस्त को दिए गए अंतिम ज्ञापन के माध्यम से अल्टीमेटम भी दिया था कि 6 सितम्बर तक शासन द्वारा यदि ठोस निर्णय नहीं लिए जाते हैं तो पूरे प्रदेश से भावी शिक्षक रायपुर आ कर मुख्यमंत्री से मिलकर अपनी मांग रखेंगे। शासन ने इनकी मांगों को गंभीरता से नहीं लिया। सरकार यदि गंभीर होती तो पहले ही उनके प्रतिनिधिमंडल से बुलाकर चर्चा कर सकती थी और जो आश्वासन आंदोलन के बाद शाम को उन्हें दिया गया वह आश्वासन प्रतिनिधिमंडल से चर्चा कर भी दिया जा सकता था। बेरोजगार छात्रों की मांग पर मुख्यमंत्री ने एक हफ्ते के अंदर रिपोर्ट मांगी वह आंदोलन से पहले भी मांग सकते थे और इस कोरोना संकटकाल में यह भी बताया जा सकता था की यदि बिना अनुमति प्रदर्शन किया जावेगा तो गिरफ्तारी भी हो सकती है एवं आपराधिक प्रकरण भी दर्ज होंगे ऐसी कोई जानकारी नही दी गई ।

धरना प्रदर्शन की जानकारी होते हुए भी किसी भी प्रकार से भावी शिक्षको से बात करना उचित नही समझा गया बाद में उन पर गंभीर धाराओं के साथ मामले दर्ज कर दिया गया। प्रदेश के मुखिया ने कई बार अपने बयान में कहा था किसी भी अभ्यर्थियों का अहित नहीं होने दिया जाएगा, छत्तीसगढ़ शालेय शिक्षक संघ शासन से मांग करता है कि भावी शिक्षकों पर की गई कार्यवाहियों को तत्काल शून्य घोषित किया जाए और उनकी जायज मांगों को अविलंब पूर्ण किया जाए।