खुलासा: नेपाल के पीएम ओली को चीन दे रहा मोटी रिश्वत, भारत के खिलाफ आग उगलने का खुला राज

नेपाल और भारत के रिश्ते सदियों से मधुर रहे हैं। भारत के सीमावर्ती राज्यों से नेपाल के लोगों के बीच शादी तक के रिश्ते होते आए हैं। सीमावर्ती गांव सांस्कृतिक एकता के साथ साथ रोजी-रोटी-बेटी के लिए एक दूसरे देश पर निर्भर हैं। लेकिन पिछले कुछ महीनों से नेपाली प्रधानमंत्री केपी ओली लगातार भारत के खिलाफ आग उगल रहे हैं। जिसके चलते दोनों देश के बीच रिश्ते बेहद खटास भरे हो गए है। लेकिन इस बीच, अंतरारष्ट्रीय एजेंसी के एक खुलासे ने हैरान कर दिया है। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि इसके पीछे चीन है। चीन ने ओली के जरिए नेपाल में घुसपैठ की और अब भारत को घेरने की तैयारी में हैं।

ग्लोबल वॉच एनालिसिस की हालिया रिपोर्ट में इस बात का दावा किया गया है कि चीन ने नेपाल में भी प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली के जरिए घुसपैठ की है। इसके लिए बाकायदा ओली को रिश्वत भी दी गई है। रिपोर्ट में कहा गया है कि ओली की संपत्ति पिछले कुछ सालों में तेजी से बढ़ी है और उन्होंने दूसरे देशों में भी काफी संपत्तियां खरीद रखीं हैं, जिसके बदले में उन्होंने चीन के कई बिजनेस प्लान को नेपाल में लागू कराया है। 

ओली का स्विट्जरलैंड के जेनेवा स्थित मिराबॉड बैंक में भी अकाउंट

रिपोर्ट के मुताबिक, नेपाल के प्रधानमंत्री ओली का स्विट्जरलैंड के जेनेवा स्थित मिराबॉड बैंक में भी अकाउंट है। इस खाते में करीब 41.34 करोड़ रुपए जमा हैं। उन्होंने यह रकम लॉन्ग टर्म डिपॉजिट और शेयर्स के तौर पर इन्वेस्ट की हुई है। इससे ओली और पत्नी राधिका शाक्य को सालाना करीब 1.87 करोड़ रुपए का मुनाफा भी मिल रहा है।

भारत के खिलाफ ओली के उगले जहर

जब पूरी दुनिया कोरोना वायरक को लेकर चीन को कोस रही थी, तब नेपाल के प्रधानमंत्री ओली कोरोना वायरस के लिए भारत को कोस रहे थे। ओली ने बयान दिया था कि नेपाल में कोरोना वायरस भारत से फैला है। भारत से आया वायरस चीन के वायरस से भी ज्यादा खतरनाक है।

ओली ने ही भारतीय क्षेत्र को नेपाल का हिस्सा बताते हुए नया मानचित्र पेश किया और उग्र राष्ट्रवाद का खेल खेल कर नेपानी जनमत को भारत के खिलाफ करना शुरू किया।

नेपाल ने दशकों पुरानी परंपरा तोड़ते हुए सीमा पर उग्र रवैया अपनाया। यूपी और बिहार से लगे बॉर्डर पर नेपाली सैनिकों ने गोलियां चलाई। भारतीय को घायल किया और उसे कब्जे में लेकर जबरन घुसपैठ करने वाले बयान देने का दवाब डाला

नेपाल और भारत के बीच तनाव बढ़ाने के लिए बिहार से सटे बांध की मरम्मत करने से भी बिहार सरकार को रोका, ताकि बिहार में बाढ़ की तबाही फैल सके।

हालिया बयान और भी जगर उगलने वाला है। नेपाली पीएम ने कहा कि भगवान राम अयोध्या में नहीं, नेपाल में जन्मे। भारत ने नेपाल पर सांस्कृतिक अधिग्रहण कर अयोध्या और राम को भारत में होना बताया।

कंबोडिया में भी ओली ने निवेश किया

रिपोर्ट में दावा किया गया है कि ओली ने 2015-16 में अपने पहले कार्यकाल में कंबोडिया के टेलीकम्युनिकेशन सेक्टर में निवेश किया था। उस समय नेपाल में चीन के राजदूत वु चुन्टाई ने उनकी मदद की थी। ये सौदा ओली के करीबी बिजनेसमैन अंग शेरिंग शेरपा ने तय करवाया था। सौदे में कंबोडिया के प्रधानमंत्री हूं सेन और चीन के राजनयिक बो जियांगेओ ने भी मदद की थी।

नियमों को ताक पर रखते हुए उन्होंने दिसंबर 2018 में डिजिटल एक्शन रूम बनाने का करार चीनी कंपनी हुवावे को दिया। मई 2019 में नेपाल टेलीकम्युनिकेशन ने हांगकांग की चीनी कंपनी के साथ रेडियो एक्सेस नेटवर्क तैयार करने का करार किया। इसी साल चीन की कंपनी जेटीई के साथ 4 जी नेटवर्क लगाने का सौदा भी हुआ। यह दोनों प्रोजेक्ट 1106 करोड़ रुपए की लागत से पूरे किए जाने थे, हालांकि इनके ठेके देने के तरीके पर भी सवाल उठे थे।