नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए एनडीए और विपक्षी दलों के 16 सांसदों के साथ कोरोना संकट पर चर्चा की। यह पहली बार है जब मोदी ने विपक्षी सांसदों के साथ कोरोना पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की। इसमें तमाम मुद्दों पर चर्चा की गई। लॉकडाउन को लेकर भी कहा गया कि 14 अप्रैल के बाद अगर यह हटाया भी जाता है तो इसे एक झटके में नहीं हटाया जाएगा। यह भी संभव है कि 14 अप्रैल के बाद भी लॉकडाउन जारी रहे।
मोदी के साथ चर्चा में कांग्रेस के गुलाम नबी आजाद, तृणमूल कांग्रेस के सुदीप बंधोपध्याय, शिवसेना के संजय राउत, बीजद के पिनाकी मिश्रा, राकांपा के शरद पवार, सपा के रामगोपाल यादव, शिरोमणि अकाली दल के सुखबीर सिंह बादल, बसपा के सतीश चंद्र मिश्रा, वाईएसआरसीपी के विजय साई रेड्डी, मिथुन रेड्डी और जदयू के राजीव रंजन समेत कई सांसद शामिल हुए।
विडियो कांफ्रेसिंग में शामिल होने के बाद बीजद सांसद पिनाकी मिश्रा ने समाचार एजेंसी पीटीआई से बातचीत करते हुए बताया कि 14 अप्रैल के बाद एक झटके में लॉकडाउन नहीं हटेगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बताया कि कोरोना से पहले और कोरोना से बाद वाली जिंदगी एक जैसी होने वाली नहीं है।
वहीं कांग्रेसी सांसद अधीर रंजन चौधरी ने बताया कि कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए सरकार 14 अप्रैल के बाद भी लॉकडाउन की अवधि बढ़ा सकती है।
शनिवार को प्रधानमंत्री राज्यों के मुख्यमंत्रियों से बात करेंगे
प्रधानमंत्री 11 अप्रैल को मुख्यमंत्रियों के साथ तीसरी बार वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग करेंगे। इससे पहले मोदी ने 20 मार्च और 3 अप्रैल को मुख्यमंत्रियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की थी। उन्होंने राज्यों से जिला स्तर पर क्राइसिस मैनेजमेंट पर काम करने को कहा था। उन्होंने कहा था कि अब हमारा फोकस टेस्टिंग और क्वारैंटाइन सुविधाओं पर होना चाहिए। मोदी ने राज्यों को हेल्थ केयर ह्यूमन रिसोर्स में बढ़ोतरी करने और फ्रंट लाइन हेल्थ वर्कर्स को ऑनलाइन ट्रेनिंग दिलाने की सलाह दी थी। वहीं, रिटायर्ड हेल्थ वर्कर्स, एनएसएस, एनसीसी, सामाजिक कार्यकर्ताओं को शामिल कर फोर्स बनाने के लिए कहा। मोदी ने कहा कि ये लोग सोशल डिस्टेंसिंग मेंटेन कराने में मदद करेंगे।