वैश्विक महामारी से जूझ रहे भारत ने इससे लड़ने के लिए मोबाइल ऐप आरोग्य सेतु बनाया, लेकिन देश के दुश्मनों ने इसे ही अपना हथियार बना लिया है। पाकिस्तान ने इसी से बेहद मिलता जुलता ऐप तैयार कर दिया है। इस फर्जी ऐप का मकसद सेनाओं की संवेदनशील जानकारियों चुराना है। लिहाजा सेना ने अगाह करते हुए जवानों से कहा है कि इसे डाउनलोड करने के लिए केवल अधिकृत वेबसाइड mygov.in पर ही जाएं।
दरअसल, सुरक्षा एजेंसियों ने सैनिकों और अर्द्धसैनिक बलों को पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान में बनाए गए आरोग्य सेतु एप से मिलते-जुलते एप्लीकेशन के प्रति सचेत किया है। सुरक्षा एजेंसियों ने कहा है कि दुर्भावनापूर्ण इरादे से आरोग्य सेतु एप से मिलता-जुलता मोबाइल एप्लीकेशन बनाया गया है। इसका मकसद संवेदनशील जानकारियां चुराना है।
अधिकारियों ने बुधवार को एक परामर्श में कहा है कि यह फर्जी एप उपयोगकर्ता को व्हाट्सएप पर संदेश के जरिये या एसएमएस के जरिये, ईमेल के जरिये या इंटरनेट आधारित सोशल मीडिया के मार्फत किसी लिंक से प्राप्त हो सकता है। परामर्श में सभी कर्मियों को सुझाव दिया गया है कि आरोग्य सेतु एप को अपने फोन में डाउनलोड करने के लिए अधिकृत वेबसाइट माईजीओवी डॉट इन पर ही जाएं।
कैसे सेंध लगाता है फर्जी एप
परामर्श के मुताबिक, डाउनलोड किए जाने के दौरान फर्जी एप उपयोगकर्ता से इंटरनेट का इस्तेमाल करने और अतिरिक्त एप्लीकेशन पैकेज इंस्टॉल करने की इजाजत देने के लिए कहता है। इसके बाद, यह दुर्भावनापूर्ण लिंक फेस डॉट एपीके, आईएमओ डॉट एपीके, नॉर्मल डॉट एपीके, ट्रूसी डॉट एपीके, स्नैप डॉट एपीके और वाइबर डॉट एपीके डालता (इंस्टॉल करता) है। एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार इसके बाद ये वायरस हैकर को उपयोगकर्ता के स्मार्टफोन में मौजूद जानकारियों और फोन की गतिविधियों को जानने में सक्षम कर देते हैं। उपयोगकर्ता के फोन से निकाली गई जानकारियां एप की कमान एवं नियत्रण केंद्र में रखी जाती है, जिसके नीदरलैंड में स्थित होने की बात कही जा रही है।
लिंक खोलते समय रहें सावधान
उन्होंने कहा कि सभी सैनिकों को अपने मोबाइल फोन पर सोशल मीडिया और ईमेल पर संदिग्ध लिंक खोलते समय सावधान रहने के लिए कहा गया है। साथ ही उनसे एंटी वायरस अपडेट करने के लिए भी कहा गया है। बता दें कि भारत सरकार ने आरोग्य सेतु एप लोगों को कोरोना वायरस संक्रमण के प्रति जोखिम का आकलन करने में मदद करने के लिए लॉन्च किया है। केंद्र सरकार ने बुधवार को सरकारी अधिकारियों के लिए इसे डाउनलोड करना और अपने फोन में इस एप का उपयोग करना अनिवार्य कर दिया।