देवस्नान पूर्णिमा पर पूरी में लाखों श्रद्धालुओं का समागम, भगवान जगन्नाथ 108 घड़ों के जल से करेंगे स्नान,फिर हो जाएंगे बीमार

पुरी। देवस्नान पूर्णिमा के अवसर पर आज बुधवार सुबह से ही जगन्नाथ धाम पुरी में लाखों भक्तों का समागम देखने को मिल रहा है। जय जगन्नाथ की ध्वनि से पूरा बड़दांड परिसर प्रकंपित हो रहा है। भक्तों की भीड़ को देखते हुए मंदिर के बाहर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। पूरे शहर को सीसीटीवी की निगरानी में रखा गया है
जानकारी के मुताबिक स्नान यात्रा के अवसर पर आज चतुर्धा विग्रह को 108 घड़ा सुगंधित जल से स्नान कराया जाएगा। स्नान के बाद जगत के नाथ महाप्रभु जगन्नाथ भक्तों को अनुपम हाथी के वश में दर्शन देंगे।

इस विधि संपन्न होने के बाद महाप्रभु बुखार से पीड़ित हो जाएंगे और फिर वह 14 दिन के लिए अणवसर गृह में चले जाएंगे जहां उनका राज बैद्य के द्वारा गुप्त उपचार किया जाएगा।इसी के तहत आज निर्धारित समयानुसार मंदिर के स्नानवेदी में भगवान की स्नान यात्रा निकाली जाएगी। चतुर्धामूर्ति रत्नवेदी से स्नान वेदी पर आएंगे और श्रद्धालुओं को हाथी के रूप में दर्शन देंगे।
स्वर्णकुएं के 108 सुगंधित जल में स्नान करने के बाद श्रद्धालु भगवान बलभद्र, भगवान जगन्नाथ और मां सुभद्रा का हाथी के रूप में दर्शन करेंगे। भक्त इस अद्भुत रूप को देखकर धन्य महसूस करते हैं।
जैसे-जैसे यह समय नजदीक आ रहा है, भक्तों का मन उत्साह से भर जाता है। यही कारण है कि जहां मंदिर में भारी भीड़ है, वहीं आध्यात्मिक वातावरण में बड़दांड प्रकंपित हो रहा है।
मंदिर में सुबह से चल रही रीति नीति
स्नान पूर्णिमा के चलते पुरी जगन्नाथ मंदिर में सुबह से ही श्रीजीउ की नीति शुरू हो गई है। पुरी जिला प्रशासन और मंदिर प्रशासन ने विस्तृत तैयारी की है। सेवादार और प्रशासन भगवान की ‘पहंडी’, ‘जललागी’ और ‘हाथी वेश’ की नीति को सुव्यवस्थित करने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं।
सुरक्षा के लिए 70 प्लाटून और एक सेक्शन फोर्स तैनात
स्नान यात्रा के दौरान लाखों श्रद्धालुओं के जुटने के मद्देनजर सुरक्षा के लिए पुलिस की 70 प्लाटून और एक सेक्शन फोर्स तैनात की गई है। भीड़ को देखते हुए यातायात प्रतिबंध लगाए गए हैं।आईजी सेंट्रल जोन, पुरी के एसपी और वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने सुरक्षा इंतजामों की समीक्षा की। पुरी बड़दांड और पूरे शहर को सीसीटीवी निगरानी में रखा गया है। गर्मी और उमस को देखते हुए पानी की पर्याप्त व्यवस्था की गई है।