एमपी के बाद राजस्थान की कांग्रेस सरकार भी संकट में, सचिन पायलट हुए बागी, 30 समर्थक विधायक साथ

मध्य प्रदेश के बाद कांग्रेस की एक और सरकार पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं। अपने पूर्व सहयोगी ज्योतिरादित्य सिंधिया की तर्ज पर राजस्थान के उपमुख्यमंत्री और राजस्थान प्रदेश अध्यक्ष सचिन पायलट ने खुली बगावत कर दी है। उन्होंने रविवार की रात मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा बुलाई विधायकों की बैठक में जाने से इनकार कर दिया। साथ ही यह भी ऐलान कर दिया कि गहलोत सरकार अल्पमत में है। उनके साथ 30 विधायक हैं। यह भी कयास लगाया जा रहा है कि सचिन पायलट अपने समर्थकों के साथ बीजेपी ज्वाइन कर सकते हैं।

वहीं आज सुबह 10:30 बजे जयपुर में  कांग्रेस विधायक दल की बैठक बुलाई गई है। इस बैठक में अनिवार्य रूप से उपस्थित होने के लिए पार्टी के सभी विधायकों को एक व्हिप जारी किया गया है। व्यक्तिगत / विशेष कारण का उल्लेख किए बिना अनुपस्थित रहने वाले किसी भी विधायक के खिलाफ सख्त अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।

राजस्थान कांग्रेस के प्रभारी अविनाश पांडे का दावा 109 विधायकों ने किए हस्ताक्षर
राजस्थान कांग्रेस के प्रभारी अविनाश पांडे ने कहा है कि 109 विधायकों ने सीएम अशोक गहलोत, सोनिया गांधी और राहुल गांधी के नेतृत्व में सरकार के प्रति विश्वास और समर्थन व्यक्त करते हुए एक पत्र पर हस्ताक्षर किए हैं। अन्य विधायकों ने सीएम के साथ टेलीफोन पर बातचीत की थी और वे सुबह तक समर्थन पत्र पर हस्ताक्षर करेंगे। 

पायलट का सोमवार सुबह विधायक दल की बैठक में भी जाने से इनकार
पायलट ने सोमवार सुबह इस बैठक में भी जाने से इनकार कर दिया है। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने इस बैठक के लिए रणदीप सुरजेवाला व अजय माकन को पर्यवेक्षक बनाकर भेजा है। सूत्रों का दावा है, पायलट समर्थक विधायकों के साथ कांग्रेस आलाकमान से सीएम गहलोत की शिकायत करने दिल्ली आए थे, लेकिन उन्हें मुलाकात का समय नहीं दिया गया।

राजस्थान के प्रभारी महासचिव अविनाश पांडेय ने कहा कि पायलट से संपर्क नहीं हो पा रहा। उन्हें आलाकमान का संदेश दे दिया गया है। इस बीच, रविवार रात गहलोत द्वारा आहूत विधायकों की बैठक में 75 विधायक ही पहुंचे। इसके मद्देनजर पार्टी नेतृत्व ने सोमवार की बैठक के लिए व्हिप जारी किया है। बैठक में आर-पार का फैसला होने की उम्मीद है।

रविवार शाम पायलट ने ज्योतिरादित्य सिंधिया से मुलाकात की, जो करीब 40 मिनट चली। इससे पहले सिंधिया ने पायलट के पक्ष में ट्वीट किया-दुख होता है, मेरे पूर्व सहयोगी पायलट को अशोक गहलोत ने दरकिनार कर दिया है। यह दिखाता है, कांग्रेस में क्षमता और प्रतिभा के लिए बहुत कम जगह है। बाद में, पायलट ने सरकार के अल्पमत में आने का दावा किया है।