फाइलेरिया समाप्त करने चार जिलों में आज से एमडीए अभियान

भोपाल। मध्यप्रदेश सरकार ने फाइलेरिया रोग के सम्पूर्ण उन्मूलन के लिए आज से मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एमडीए) कार्यक्रम शुरू करने का निर्णय लिया है। यह राष्ट्रीय वाहक जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम के अंतर्गत होगा। इसके लिए पिछले दिनों चिकित्सा स्वास्थ्य, परिवार कल्याण विभाग एवं ग्लोबल हेल्थ स्ट्रेटजीज द्वारा अन्य सहयोगी संस्थाओं यथा विश्व स्वास्थ्य संगठन एवं प्रोजेक्ट कंसर्न इंटरनेशनल के साथ समन्वय स्थापित करते हुए वर्चुअल मीडिया संवेदीकरण कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला में सम्बंधित अधिकारियों के साथ ही राज्य के विभिन्न जनपदों के मीडिया सहयोगियों ने भाग लिया।

क्या है फाइलेरिया

फाइलेरिया या हाथीपांव रोग, सार्वजनिक स्वास्थ्य की गंभीर समस्या है। यह रोग मच्छर के काटने से फैलता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्लूएचओ) के अनुसार फाइलेरिया, दुनिया भर में दीर्घकालिक विकलांगता के प्रमुख कारणों में से एक है। आमतौर पर बचपन में होने वाला यह संक्रमण लिम्फैटिक सिस्टम को नुकसान पहुंचाता है और अगर इसका इलाज न किया जाए तो इससे शारीरिक अंगों में असामान्य सूजन होती है। फाइलेरिया के कारण चिरकालिक रोग जैसेय हाइड्रोसील (अंडकोष की थैली में सूजन), लिम्फोएडेमा (अंगों की सूजन) व काइलुरिया (दूधिया सफेद पेशाब) से ग्रसित लोगों को अक्सर सामाजिक बोझ सहना पड़ता है, जिससे उनकी आजीविका व काम करने की क्षमता भी प्रभावित होती है।

51 देशों में चल रहा है एमडीए कार्यक्रम

विश्व स्वास्थ्य संगठन की राज्य एनटीडी समन्वयक डॉ. मंजू लता शर्मा ने बताया कि विश्व में फाइलेरिया रोग से 71 देश प्रभावित हैं और 51 देशों में मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एम.डी.ए.) कार्यक्रम चलाया जा रहा है। मध्य प्रदेश में लगभग 2 करोड़ लोग फाइलेरिया रोग से संक्रमित हैं और इस बार 82 लाख लाभार्थियों को दवाएं खिलाने का लक्ष्य रखा गया है।प्रोजेक्ट कंसर्न इंटरनेशनल के ध्रुव सिंह ने बताया कि मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एम.डी.ए.) कार्यक्रम में सोशल मोबिलाइजेशन के माध्यम से समुदाय के हर स्तर पर जागरूकता फैलाने में बहुत सहायता मिलती है। ग्राम स्तर पर आशा और ग्राम प्रधान के सहयोग से, लोगों में जागरूकता बढती है और इस कार्यक्रम के सफल किर्यान्वयन में सहायता मिलती है। डॉ. नूपुर रॉय, अपर निदेशक (एनवीबीडीसीपी) ने कहा कि फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम में के सफल किर्यान्वयन में फ्रंट लाइन वर्कर्स की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण है और सराहनीय है ।