नई दिल्ली। जैसा का अपेक्षित था, लॉकडाउन अवधि को बढ़ा दिया गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लॉकडाउन को 3 मई तक बढ़ाने की आज घोषणा कर दी। उन्होंने कहा कि कोरोना का प्रसार अब और अधिक क्षेत्रों में ना हो, इसलिए पहले से भी अधिक सख्त लॉकडाउन की जरुरत है। अब तीन मई तक लॉकडाउन जारी रहेगा। बता दें कि राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के अधिकतर मुख्यमंत्रियों ने पीएम मोदी से देश में लॉकडाउन की समय सीमा बढ़ाने की अपील की थी।
संबोधन की मुख्य बातें:-
पीएम मोदी ने आज सुबह 10 बजे देश को संबोधित किया। पीएम मोदी ने कहा, सभी का यही सुझाव है कि लॉकडाउन को बढ़ाया जाए। कई राज्य तो पहले से ही लॉकडाउन को बढ़ाने का फैसला कर चुके हैं। साथियों, सारे सुझावों को ध्यान में रखते हुए ये तय किया गया है कि भारत में लॉकडाउन को अब तीन मई तक और बढ़ाना पड़ेगा। यानि तीन मई तक हम सभी को, हर देशवासी को लॉकडाउन में ही रहना होगा। इस दौरान हमें अनुशासन का उसी तरह पालन करना है जैसे हम करते आ रहे हैं।
पीएम ने देशवासियों से मांगा सात बातों में साथ
पीएम मोदी ने कहा कि हम धैर्य बनाकर रखेंगे, नियमों का पालन करेंगे तो कोरोना जैसी महामारी को भी परास्त कर पाएंगे। इसी विश्वास के साथ अंत में, मैं आज सात बातों में आपका साथ मांग रहा हूं-
- पहली बात- अपने घर के बुजुर्गों का विशेष ध्यान रखें, विशेषकर ऐसे व्यक्ति जिन्हें पुरानी बीमारी हो, उनकी हमें अधिक देखभाल करनी है, उन्हें कोरोना से बहुत बचाकर रखना है।
- दूसरी बात- लॉकडाउन और सामाजिक दूरी की लक्ष्मण रेखा का पूरी तरह पालन करें, घर में बने फेसकवर या मास्क का अनिवार्य रूप से उपयोग करें।
- तीसरी बात- अपनी इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए आयुष मंत्रालय द्वारा दिए गए निर्देशों का पालन करें, गर्म पानी और काढ़ा का निरंतर सेवन करें।
- चौथी बात- कोरोना संक्रमण का फैलाव रोकने में मदद करने के लिए आरोग्य सेतु मोबाइल एप जरूर डाउनलोड करें। दूसरों को भी इस एप को डाउनलोड करने के लिए प्रेरित करें।
- पांचवी बात- जितना हो सके गरीब परिवारों की देखरेख करें उनके भोजन की आवश्यकता पूरी करें।
- छठी बात- आप अपने व्यवसाय अपने उद्योग में अपने साथ काम करे लोगों के प्रति संवेदना रखें और किसी को नौकरी से न निकालें।
- सातवीं बात- देश के कोरोना योद्धाओं, हमारे डॉक्टर, नर्सों, सफाई कर्मियों और पुलिसकर्मियों का पूरा सम्मान करें।
कोरोना की वैक्सीन बनाने के लिए आगे आएं युवा वैज्ञानिक
आज भारत के पास भले ही सीमित संसाधन हों, लेकिन मेरा भारत के युवा वैज्ञानिकों से विशेष आग्रह है कि विश्व कल्याण के लिए और मानव कल्याण के लिए आगे आएं और कोरोना की वैक्सीन बनाने का बीड़ा उठाएं।