प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लगातार 11वीं बार लाल किले पर फहराया तिरंगा, विकसित भारत का रखा एजेंडा

नई दिल्ली: 78वें स्वतंत्रता दिवस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले की प्राचीर से लगातार 11वीं बार राष्ट्रीय ध्वज फहराया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि ये दिन उन अनगिनत लोगों को श्रद्धांजलि देने का दिन है, जिन्होंने देश की आजादी के लिए बलिदान दिया और संघर्ष किया। पीएम मोदी ने लाल किले से कहा कि मेरे प्यारे देशवासियों ये हमारा स्वर्णिम काल खंड है, ये मौका हमें जाने नहीं देना है। उन्होंने कहा- “इस वर्ष प्राकृतिक आपदा में अनेक लोगों ने अपने परिवार जन खोए हैं, संपत्ति खोई है। मैं आज उन सब के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करता हूं और मैं उन्हें विश्वास दिलाता हूं कि ये देश इस संकट की घड़ी में उनके साथ खड़ा है।”

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि हमें गर्व है कि हम उन्हीं के वंशज हैं। 40 करोड़ लोगों ने दुनिया की महान सत्ता को उखाड़ फेंका था। अगर हमारे पूर्वज जिनका खून हमारी रगों में है, आज हम 140 करोड़ हैं। अगर 40 करोड़ गुलामी की बेड़ियों को तोड़ सकते हैं, आजादी लेकर के रह सकते हैं तो 140 करोड़ मेरे नागरिक, मेरे परिवारजन अगर संकल्प लेकर चल पड़ते हैं, एक दिशा निर्धारित कर चल सकते हैं, कदम से कदम मिलाकर, कंधे से कंधा मिलाकर, तो चुनौतियां कितना ही क्यों न हो, संसाधनों के लिए जूझने की नौबत हो तो भी हम स्मृद्धि पा सकते हैं, हम 2047 तक विकसित भारत बना सकते हैं।

देश में बन रहीं नई व्यवस्थाएं
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि देश में अब नई व्यवस्थाएं बन रही हैं। आज का नौजवान युवा इस बदलाव को देख रहा है। आज दुनियाभर में भारत की साख बढ़ी है। युवाओं की राजनीति में एंट्री का भी जिक्र करते हुए कहा कि इससे परिवारवाद को मुक्ति मिलेगी।

इंडस्ट्रियल मैन्युफैक्चरिंग हब
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि वो दिन दूर नहीं है, जब भारत इंडस्ट्रियल मैन्युफैक्चरिंग का हब होगा। विश्व के बहुत सारे उद्योगपति भारत में निवेश करना चाहते हैं। उन्होंने राज्य सरकारों से आग्रह किया कि निवेशकों को आकर्षित करने के लिए स्पष्ट नीति निर्धारित करें, कानून-व्यवस्था के संबंध में उन्हें आश्वासन दीजिए। राज्यों के बीच निवेशकों को अपनी तरफ खींचने के लिए प्रतिस्पर्धा होनी चाहिए।

मेडिकल कॉलेजों में 75000 सीटें बढ़ेंगी
उन्होंने कहा कि अगले पांच साल में मेडिकल कॉलेजों में 75000 सीटें बढ़ेंगी। अगले दस साल में एमबीबीएस की सीटें एक लाख बढ़ा दी जाएंगी। हर साल देश के 25 हजार युवा मेडिकल की पढ़ाई करने विदेश जा रहे हैं। मेडिकल की सीटों में इजाफे के बाद वे देश में ही रहकर पढ़ाई कर सकेंगे और डॉक्टर बनने के अपने सपने पूरे कर सकेंगे।

इंटर्नशिप पर बल दिया जा रहा है ताकि देश के युवा स्किल्ड स्‍कील्‍ड मैनपॉवर ग्‍लोबल जॉब मार्केट में अपनी जगह बनाएं। उन्होंने आगे कहा कि साइंस और टेक्‍नोलॉजी चंद्रयान की सफलता के बाद शिक्षा संस्‍थानों में आस जगी है। नेशनल रिसर्च फाउंडेशन बनाया गया है। बजट में हमने एक लाख करोड रुपये रिसर्च और इनोवोशन के लिए रखे हैं, ताकि नौजवानों के आइडियाज को जमीन पर उतार सकें।