अंबिकापुर। फाइलेरिया रोग की गंभीरता को मीडिया सहयोगियों के माध्यम से जन समुदाय में ज्यादा से ज्यादा प्रचारित करने के लिए चिकित्सा स्वास्थ्य, परिवार कल्याण विभाग एवं ग्लोबल हेल्थ स्ट्रेटजिज समेत अन्य सहयोगी संस्थाओं की ओर से एक मीडिया कार्यशाला का आयोजन किया गया। सरगुजार के सीएमएचओ कार्यालय सभाकक्ष में आयोजित इस कार्यक्रम का मकसद आम लोगों तक इस गंभीर बीमारी के बारे में सही और महत्वपूर्ण जानकारी पहुंचाना रहा, ताकि लोग इस रोग से स्वयं और अपने परिवार को बचा सकें। इसके बाद से यह कार्यक्रम पूरे जिले में स्वास्थ्य विभाग द्वारा चलाया जा रहा है।
मीडिया कार्यशाल का आयोजन विश्व स्वास्थ्य संगठन, प्रोजेक्ट कंसर्न इंटरनेशनल के साथ समन्वय स्थापित करते हुए किया गया। इस कार्यक्रम के तहत आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, मितानिनों व स्वास्थ्य कर्मचारियों द्वारा शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में घर-घर जाकर दवा का वितरण किया जा रहा है। इस कार्यक्रम में राज्य स्तर, सरगुजा जिला के मीडिया सहयोगियों के साथ सूरजपुर जिले के पत्रकारों ने भी वर्चुअल रूप से सक्रिय प्रतिभागिता की है।
इस दौरान जिला मलेरिया अधिकारी डॉ. अनिल प्रसाद ने कहा कि मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन कार्यक्रम में सामाजिक और सामुदायिक सहभागिता बहुत आवश्यक बताया है। फाइलेरिया रोग के सम्पूर्ण उन्मूलन हेतु प्रतिबद्धता के साथ, जन प्रतिनिधियों, अधिकारियों, स्वास्थ्य कर्मियों और समुदाय को फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम को जन आन्दोलन का रूप दिया जा रहा है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन के राज्य एनटीडी समन्वयक डॉ. जमील सरोश का कहना है कि फाइलेरिया या हाथीपांव रोग, सार्वजनिक स्वास्थ्य की गंभीर समस्या है। यह रोग मच्छर के काटने से फैलता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन डब्ल्यूएचओ के अनुसार फाइलेरिया दुनिया भर में दीर्घकालिक विकलांगता के प्रमुख कारणों में से एक है। आमतौर पर बचपन में होने वाला यह संक्रमण लिम्फैटिक सिस्टम को नुकसान पहुंचाता है और अगर इसका इलाज न किया जाए तो इससे शारीरिक अंगों में असामान्य सूजन होती है। फाइलेरिया के कारण चिरकालिक रोग जैसे हाइड्रोसिल लिम्फोएडेमा (अंगों की सूजन) व काइलुरिया (दूधिया सफेद पेशाब) से ग्रसित लोगों को अक्सर सामाजिक बोझ सहना पड़ता है। जिससे उनकी आजीविका व काम करने की क्षमता भी प्रभावित होती है।
प्रोजेक्ट कंसर्न इंटरनेशनल के कलाम खान ने बताया कि मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन एमडीए कार्यक्रम में सोशल मोबिलाइजेशन के माध्यम से समुदाय के हर स्तर पर जागरूकता फैलाने में बहुत सहायता मिलती है। इसके लिए पंचायत स्तर की कार्यप्रणाली को और अधिक मजबूत करना चाहिए। ग्लोबल हेल्थ स्ट्रेटजीज के प्रतिनिधि अनुज घोष ने कहा कि स्वास्थ्य से जुड़े हर कार्यक्रम में मीडिया की बहुत महत्वपूर्ण भूमिका होती है। उन्होंने उपस्थित मीडिया सहयोगियों से अनुरोध किया कि फाइलेरिया जैसे गंभीर रोग से समुदाय को सुरक्षित रखने के लिए मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एमडीए) कार्यक्रम को सफल बनाने में अपना पूर्ण सहयोग दें।
राज्य कार्यक्रम अधिकारी, वेक्टर बोर्न डिजीजेज डॉ. जितेन्द्र कुमार ने बताया कि मॉप ऑप राउंड चलाया जाएगा। छत्तीसगढ़ शासन ने राष्ट्रीय फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम के अंतर्गत राज्य के दो जिलों सरगुजा के विकास खण्ड अंबिकापुर, लखनपुर, उदयपुर, धौरपुर, सीतापुर, बतोली और मैनपाट एवं सूरजपुर विकास खण्ड सूरजपुर, रामानुजनगर और प्रेमनगर में शासन के दिशानिर्देशों के अनुसार कोविड-19 के मानकों को ध्यान में रखते हुए मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन एमडीए कार्यक्रम आगामी 23 नवम्बर से 30 नवम्बर 2020 तक मॉप अप राउंड चलाया गया। इस दौरान शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में हर घर में फाइलेरिया का दवा पहुंचाया गया। इस दौरान लोगों ने चिकित्सा स्वास्थ्य, परिवार कल्याण विभाग एवं ग्लोबल हेल्थ स्ट्रेटजिज द्वारा अन्य सहयोगी संस्थाओं के कार्यों की काफी सराहना की।