IIT DELHI का कमाल… कोरोना टेस्ट के लिए अब तक का सबसे सस्ता और भरोसेमंद किट तैयार किया… ICMR ने भी दी मंजूरी

  • आईसीएमआर (icmr) ने दी मंजूरी, अब तक की मौजूदा सभी डिवाइसों में सबसे सस्ता
  • केवल थूक से हो जाएगा परीक्षण, डिवाइस केवल कोरोना के वायरस को पहचानती है, इसलिए अधिक कारगर
  • नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ पैथोलॉजी ने भी कर लिया सफल परीक्षण

नई दिल्ली। आईसीएमआर की एडवाइजरी बॉडी आईआईटी दिल्ली ने कोरोना वायरस के खिलाफ जारी जंग में शानदार उपलब्धि हासिल की है। यहां के प्रो वी राम गोपालराव और प्रो. विवेकानंद पेरुमल के साथ तीन अन्य प्रोफेसरों  और छात्रों की टीम ने कोरोना टेस्ट का सटीक परिणाम देने वाली एक डिवाइस तैयार करने में सफलता पाई है। इस डिवाइस को आईसीएमआर ने गुरुवार 23 अप्रैल को कड़े परीक्षण के बाद मंजूरी दे दी है। दावा किया जा रहा है कि यह किट अब तक की मौजूदा किट में सबसे सस्ती होगी। महज 300 रुपये में ही कोरोना का टेस्ट किया जा सकेगा।

कोविड-19 के संक्रमण का पता लगाने में सक्षम इस डिवाइस के विकास के लिए मानव संसाधन विकास मंत्रालय के सचिव ने प्रो. पेरुमल को फोन पर बधाई दी है। पेरुमल ने बताया कि तकनीकी की समस्या नहीं है। हमें इसमें सफलता मिली है और यह डिवाइस क्रांतिकारी साबित होगी।

बताते चलें कि आईआईटी की यह टीम काफी समय से कोविड-19 संक्रमण की पहचान के लिए किट या डिवाइस बनाने में लगी हुई थी। इसके लिए संक्रमित के स्वैब सैंपल के लिए वैज्ञानिकों को लंबा इंतजार करना पड़ा था। इसको लेकर कुछ नैतिक मसले सामने आ रहे थे, लेकिन अंतत: यह अभियान सफल हो गया। टीम का का दावा है कि बाजार में उपलब्ध अब तक किसी भी कोरोना टेस्टिंग डिवाइस से यह काफी कम कीमत पर जांच की सुविधा उपलब्ध कराएगी।कोरोना की जांच करने के लिए संक्रमित व्यक्ति के थूक की एक बूंद से ही इस माध्यम से लगभग पूर्ण सही परिणाम मिलने का दावा किया जा रहा है।

टेस्टिंग डिवाइस तैयार करने वाली टीम में प्रमुख प्रोफेसर डॉ. विश्वजीत कुंडू ने बताया कि अब तक बाजार में उपलब्ध सभी डिवाइस में फ्लोरोसेंट कंपाउंड का इस्तेमाल होता है। यह काफी महंगा होता है। लेकिन उनकी टीम की तैयार की गई डिवाइस में फ्लोरोसेंट कंपाउंड की जगह साइबर ग्रीन कंपाउंड का इस्तेमाल किया गया है, इसीलिए इसे प्रोब-फ्री कहा जा रहा है। इस वजह से उनकी डिवाइस व्यावसायिक स्तर पर निर्माण के समय काफी सस्ती हो जाएगी।