रायपुरः छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की अध्यक्षता में आयोजित कैबिनेट की बैठक में गुरु घासीदास-तमोर पिंगला टाइगर रिजर्व बनाने का महत्वपूर्ण फैसला लिया गया है। गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान और तमोर पिंगला अभयारण्य के क्षेत्र को मिलाकर मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर, कोरिया, सूरजपुर और बलरामपुर के 2829.387 वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल में गुरु घासीदास-तमोर पिंगला टाइगर रिजर्व बनाया जाएगा।
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टाइगर रिजर्व से क्या फायदा ?
उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने बताया कि गुरु घासीदास-तमोर पिंगला टाइगर रिजर्व के बनने से राज्य में ईको-पर्यटन का विकास होगा और ग्रामीणों के लिए रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे। साथ ही राष्ट्रीय प्रोजेक्ट टाइगर अथॉरिटी से मिले अतिरिक्त बजट से क्षेत्र के गांवों में आजीविका विकास के नए काम भी किए जा सकेंगे।
देश का तीसरा सबसे बड़ा टाइगर रिजर्व
गुरु घासीदास-तमोर पिंगला टाइगर रिजर्व देश का तीसरा सबसे बड़ा टाइगर रिजर्व होगा। छत्तीसगढ़ में पहले से इंद्रावती टाइगर रिजर्व, उदंती-सीतानदी टाइगर रिजर्व और अचानकमार टाइगर रिजर्व है। अब इस लिस्ट में चौथा नाम गुरु घासीदास-तमोर पिंगला टाइगर रिजर्व जुड़ गया है।
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