कोरोना वायरस की महामारी से जूझ रहे भारत के लिए एक अच्छी खबर है। कोरोना वायरस के मरीजों के संभावित इलाज हेतू एमडब्ल्यू वैक्सीन का सफल ट्रायल पूरा हो गया है। अब इस वैक्सीन के ट्रायल का दूसरा चरण शुरू होगा। इसके लिए अब एम्स, दिल्ली, भोपाल और पीजीआई चंडीगढ़ के 40 मरीजों पर इसका ट्रायल होगा। यह खबर इसलिए भी बेहद महत्वपूर्ण है क्योंकि अब तक इस बीमारी के इलाज की कोई दवा नहीं है। अगर यह ट्रायल सभी चरणों में सफल रहा तो अगले तीन से 6 महीनों के भीतर भारत इस बीमारी का काट ढूंठ लेगा।
चंडीगढ़ पीजीआईएमईआर के निदेशक डॉ. जगत राम ने कहा कि ‘एमडब्ल्यू वैक्सीन’ दवा का सेफ्टी ट्रायल पूरा हो चुका है। आगे के ट्रायल में जिन 40 मरीजों को शामिल किया जाएगा, वो अगर उससे पहले ठीक हो गए तो उन्हें डिस्चार्ज कर दिया जाएगा। लेकिन उनका लगातार फॉलोअप लिया जाएगा। ताकि वैक्सीन के परिणाम का सही आंकलन होता रहे।
डॉ. जगतराम ने बताया कि इस वैक्सीन का प्रयोग पूर्व में पीजीआई के पल्मोनरी सेप्सिस (फेफड़े से जुड़ी गंभीर बीमारी) के मरीजों पर ट्रायल के रूप में सफल परीक्षण किया जा चुका है। इसके परिणाम संतोषजनक आए हैं। इसलिए उम्मीद है कि कोरोना के इलाज में भी ये वैक्सीन कारगर साबित होगी। डॉ. जगतराम ने बताया कि इस वैक्सीन को कैडिला कंपनी बनाती है।
रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में है कारगर
डॉ. जगतराम ने बताया कि एमडब्ल्यू वैक्सीन इम्यूनो मॉड्यूलेटर की श्रेणी में आती है। जिसके प्रयोग से रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। कोरोना के मरीजों में कमजोर रोग प्रतिरोधक क्षमता को इस वैक्सीन की मदद से तेजी से मजबूत करने में मदद मिलेगी। इसलिए वैक्सीन के ट्रायल के लिए कोरोना के ऐसे मरीजों का चयन किया गया है, जिनकी स्थिति बेहद गंभीर है, ताकि इसके प्रभाव का सही आंकलन किया जा सके।