बांग्लादेश ने अपनी सेना के एक पूर्व कैप्टन को फांसी दी है, जो 1975 के तख्तापलट में शामिल था. इसी दौरान देश के संस्थापक बंगबंधु शेख मुजीबुर्र रहमान की हत्या की गई थी. नरसंहार के करीब साढ़े चार दशक बाद पूर्व कैप्टन को मौत की सजा दी गई है. बांग्लादेश के कानून मंत्री अनिसुल हक ने समाचार एजेंसी पीटीआई को बताया कि पूर्व कैप्टन अब्दुल माजिद को 12.01 बजे (स्थानीय समय) फांसी दी गई.
ढाका से सटे केरानीगंज में ढाका सेंट्रल जेल के एक अधिकारी ने कहा कि माजिद को डॉक्टरों ने 12.15 बजे मृत घोषित कर दिया. जेल के इंस्पेक्टर जनरल ब्रिगेडियर जनरल एकेएम मुस्तफा कमाल पाशा ने मीडिया से कहा, कैप्टन का शव परिजनों को दिया जाएगा ताकि उसे दफनाया जा सके. फांसी के वक्त जेल में गवाह के तौर पर कई अधिकारी मौजूद थे. केरानीगंज की नई इमारत में ढाका सेंट्रल जेल जबसे शिफ्ट हुई है, तब से यह फांसी की पहली घटना है.
बाद में जेलर महबूबुल इस्लाम ने बताया कि फांसी के वक्त जो अधिकारी जेल में मौजूद थे, उनमें ढाका के डिप्टी कमिश्नर (वे डीएम भी हैं), पुलिस सुप्रीटेंडेंट, सिविल सर्जन और जेल के डिप्टी आईजी शामिल हैं. कोविड-19 की पाबंदियों के बावजूद फांसी के वक्त आधी रात को जेल के बाहर कई लोग मौजूद थे. पूर्व कैप्टन माजिद को फांसी पर लटकाया गया.
अब्दुल माजिद को बीते मंगलवार को गिरफ्तार किया गया था. पिछले 25 साल से वह भारत में छिपा हुआ था. शुक्रवार को माजिद की पत्नी और चार अन्य रिश्तेदारों ने जेल में उसके साथ तकरीबन 2 घंटे का वक्त बिताया था. गुरुवार को राष्ट्रपति अब्दुल हामिद ने माजिद की दया याचिका खारिज कर दी थी, जिसके बाद फांसी का रास्ता साफ हो गया. बांग्लादेश के एक खास पुलिस दस्ते ने माजिद को गिरफ्तार किया था. बंगबंधु की हत्या में शामिल सेना के इस पूर्व कैप्टन को भगोड़ा घोषित किया गया था. यह 25 साल तक भारत में छिपा हुआ था
गृह मंत्री असादुज्जमान खान कमाल ने कहा, स्व-घोषित हत्यारा (कैप्टन) न केवल बंगबंधु की हत्या में शामिल था बल्कि ढाका सेंट्रल जेल में 3 नवंबर 1975 को देश के चार बड़े नेताओं की हत्या में भी इसकी मिलीभगत थी. गृह मंत्री ने कहा कि शुरुआती रिपोर्ट में पता चला था कि माजिद भारत में छिपा है लेकिन पिछले महीने वह ढाका लौट आया था. इसके बाद उसे गिरफ्तार किया गया.
पुलिस की काउंटर टेररिज्म एंड ट्रांसनेशनल क्राइम (सीटीटीसी) ने मीरपुर में छापा मार कर उसे गिरफ्तार किया. कैप्टन उस वक्त एक मजार के आसपास घूम रहा था. माजिद सेना के उन 6 अधिकारियों में शामिल था जो फांसी की सजा के बाद इधर-उधर फरार हैं. सरकारी वकील ने बताया कि माजिद ने पूछताछ में कहा था कि वह 15-16 मार्च को बांग्लादेश लौटा था.