रक्षा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर भारत का पहला कदम, रक्षा मंत्रालय का बड़ा फैसला, 101 रक्षा उपकरणों के आयात पर रोक, चरणबद्ध तरीके से लागू होगी योजना

आत्मनिर्भर भारत के तहत स्वदेशी को प्राथमिकता देने का सपना हर क्षेत्र में पूरा होता दिख रहा है। सरकार अब रक्षा के क्षेत्र में देश में बने रक्षा उपकरणों को तवज्जो देगी। रविवार को रक्षा मंत्रालय ने इस सिलसिले में बड़ा फैसला लिया है। रक्षा मंत्रालय ने 101 रक्षा उपकरणों के आयात पर बैन लगा दिया है। जिसके बाद अब, असॉल्ट राइफल, आर्टिलरी गन, रडार, हल्के जंगी हेलिकॉप्टर. ये उन रक्षा उपकरणों की सूची है जो भारत कुछ महीने पहले तक दूसरे देशों से मंगाता था, लेकिन रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की ओर एक मजबूत कदम बढ़ाते हुए भारत ने ऐसे 101 रक्षा सामानों के आयात पर रोक लगा दी है। भारत अब अपनी जरूरत के इन सामानों और हथियारों को खुद बनाएगा। केंद्र सरकार द्वारा घोषित ये रोक चरणबद्ध तरीके से दिसंबर 2025 तक लागू होंगे।

पहला चरण: दिसंबर 2020

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने रविवार को ट्वीट कर इसकी जानकारी दी। बता दें कि लॉकडाउन के दौरान अपने एक संबोधन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 12 मई 2020 को आत्मनिर्भर भारत का आह्वान किया था। पीएम की इस अपील पर काम करते हुए सैन्य मामलों के मंत्रालय और रक्षा मंत्रालय ने 101 सामानों की लिस्ट बनाई है और इनके आयात पर रोक लगाई है। 101 उपकरणों और हथियारों की सूची में से 69 के आयात पर तो दिसंबर 2020 से ही रोक लग जाएगी।
रक्षा मंत्रालय के इस फैसले के साथ ही भारत अब आर्टिलरी गन, जमीन से हवा में मार करने वाली छोटी दूरी की मिसाइलें, शिप से छोड़ी जा सकने वाली क्रूज मिसाइलें, असॉल्ट राइफल, हल्के लड़ाकू हेलिकॉप्टर, रडार, बैलेस्टिक हेलमेट, बुलेट प्रूफ जैकेट और ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट का आयात नहीं करेगा। नई रक्षा नीति और आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत इन्हें अपने देश में ही बनाएगा।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस फैसले की जानकारी देते हुए कहा कि आयात पर रोक लगाने से पहले इस पर मंथन किया गया है कि सेना की ऑपरेशनल एक्टिविटी प्रभावित न हो और इन सामानों को तय समयसीमा के तहत भारत में ही तैयार किया जा सके।

दूसरा चरण: दिसंबर 2021

दिसंबर 2021 के बाद भारत व्हील्ड आर्मर्ड फाइटिंग व्हीकल, लाइट मशीन गन, असॉल्ट राइफल, माइन एंटी टैंक, माइन एंटी पर्सनेल ब्लास्ट, ग्रेनेड जैसे उच्च तकनीक के आयात पर भी रोक लगा देगा और इसका देश में ही उत्पादन शुरू कर देगा।

दूसरा चरण: दिसंबर 2022

दिसंबर 2022 तक भारत अंडर बैरल ग्रेनेड लॉन्चर, हल्के रॉकेट लॉन्चर के आयात पर रोक लगा देगा।
तीसरा चरण: दिसंबर 2023

दिसंबर 2023 तक Beyond Visual Range Air to Air मिसाइल, कम्यूनिकेशन सैटेलाइट जीसैट-7C, बेसिक ट्रेनर एयरक्राफ्ट के आयात पर रोक लगाने वाला है।

चौथा चरण: दिसंबर 2025

दिसंबर 2025 से भारत लंबी दूरी के लैंड अटैक क्रूज मिसाइल की खरीदारी भी रोक देगा।
बता दें कि इस बार के रक्षा बजट में 52000 करोड़ की भारी रकम घरेलू बाजारों से रक्षा उपकरणों की खरीदारी के लिए आवंटित की है। एक अनुमान के मुताबिक सरकार द्वारा इस पॉलिसी को लागू करने के बाद अगले 6 से 7 साल में देश की घरेलू डिफेंस इंडस्ट्री को 4 लाख करोड़ का ऑर्डर मिलेगा।