भारत में कोरोना का संकट एक से सवा साल का: डॉ. पाल

  • नीति आयोग के सदस्य और कोविड-19 पर गठित उच्चस्तरीय समिति के अध्यक्ष हैं डा. विनोद के पॉल
  • कहा- दुनिया में कहीं भी एक भी केस, तब भी खतरा बरकरार, वैक्सीन ही इलाज लेकिन आने में वक्त लगेगा

नई दिल्ली। नीति आयोग के सदस्य और कोविड-19 पर गठित उच्चस्तरीय समिति के अध्यक्ष डा. विनोद के पॉल का कहना है कि कोविड-19 का खतरा अभी एक-सवा साल तक बने रहने के आसार हैं। उन्होंने कहा कि जितनी उनकी वायरस के बारे में समझ बनी है, उसके मुताबिक जब तक यह दुनिया में कहीं भी रहेगा, भारत के लिए भी खतरा बना रहेगा। इसके संक्रमण का समाधान केवल वैक्सीन के आने पर ही संभव है। वैक्सीन के आने में अभी समय लग सकता है।

डा. पॉल ने माना कि भारत में कोविड-19 का संक्रमण फैल रहा है। यह लड़ाई लंबी है। लोगों की लापरवाही के कारण नए मामले सामने आ रहे हैं। इससे अगले एक-दो महीने तक कोविड-19 का संक्रमण फैलने की गति बनी रह सकती है। पॉल ने जानकारी दी कि कोरोनावायरस के और फैलने की संभावना, जमीनी स्थिति को लेकर उनकी टीम अध्ययन कर रही है। अभी इसमें एक सप्ताह का समय और लग सकता है। उसके बाद ही वह कुछ बता पाने की स्थिति में होंगे।

उन्होंने कहा, लॉकडाउन से हुए लाभ, इसकी आगे की संभावना आदि पर भी अध्ययन चल रहा है। यह पूछे जाने पर कि लॉकडाउन के जारी रहने की कितनी संभावना है, डा. पॉल के कहा कि यह राजनीतिक सवाल है और उनके लिए इसका उत्तर देना मुनासिब नहीं है।उन्होंने कहा कि मैं अभी यह भी नहीं बता सकता कि एक सप्ताह के भीतर अध्ययन पूरा होने के बाद हमारी टीम केंद्र सरकार को क्या रिपोर्ट देगी

बता दें कि डब्ल्यूटीओ, अमेरिका समेत दुनिया के तमाम विशेषज्ञों का मानना है कि भारत में जुलाई, अगस्त तक कोविड-19 और बड़ा रूप ले सकता है।