नई दिल्ली। उपभोक्ताओं के लिए आज का दिन काफी खास है। आज से उपभोक्ता संरक्षण के कई प्रावधान बदल रहे हैं. उपभोक्ता हितों को और ज्यादा मजबूत कर दिया गया है..। अब घटिया सामान बेचने वालों, गुमराह करने वाले विज्ञापन देने वालों को जेल की हवा खानी पड़ सकती है। यहां तक कि सेलेब्रिटी ने भी ऐसा वैसा कोई प्रचार किया तो 10 लाख जुर्माना पटना पड़ा सकता है। घटिया और जानलेवा सामान बेचने वालों को जेल की हवा तक खानी पड़ सकती है। ये है पूरा बदलाव-
उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम (कंज्यूमर प्रोटेक्शन एक्ट-2019) के तहत अब ग्राहक किसी भी उपभोक्ता अदालत में शिकायत कर सकेगा, अभी तक शिकायत वहीं की जा सकती थी, जहां से सामान खरीदा गया हो। नया कानून 1986 के उपभोक्ता कानून का स्थान लेगा। बड़े नुकसान पर ग्राहक को पांच लाख रुपये मुआवजा देना होगा और सात साल की जेल होगी। उपभोक्ता की मौत हो जाए तो मुआवजा दस लाख व सात साल या आजीवन कारावास भी संभव है। नए कानून के दायरे में ई-कॉमर्स कंपनियां भी आएंगी।
नए उपभोक्ता संरक्षण कानून में भ्रमित करने वाले विज्ञापनों और इसे करने वाले सेलेब्रिटी पर भी सरकार ने नकेल कसी है। गलत जानकारी व गारंटी के बारे में भी गलत के साथ ही गलत तरीके से विज्ञापन में प्रदर्शित किया गया है, जो प्रतिबंधित व्यापारिक गतिविधियों की श्रेणी में आएगा। भ्रमित करने वाले विज्ञापन पर धारा 21 के तहत केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (सीसीपीए) कंपनी पर दस लाख तक का जुर्माना लगा सकता है। गंभीर मामलों में धारा 89 के तहत ये जुर्माना 50 लाख हो सकता है और पांच साल की जेल संभव है।
सरकार ने प्रचार करने वाले सेलेब्रिटी की जिम्मेदारी धारा 2(18) में तय की है। कोई संदेश, मौखिक बयान, प्रदर्शन, किसी का नाम, हस्ताक्षर, उससे जुड़ी कोई ऐसी चीज जो उसे प्रतिबिंबित करती हो, किसी संस्थान का नाम, उसकी मोहर या कोई ऐसी चीज जो उपभोक्ता को ये विश्वास दिलाए कि उस चीज से संबंधित व्यक्ति का पक्ष सामने आ रहा है। उपभोक्ताओं की शिकायत आई तो जुड़े सेलिब्रिटी पर भ्रामक विज्ञापन के लिए दस लाख रुपये तक का जुर्माना लगा सकता है।
हाईकोर्ट के जज होंगे आयोग के अध्यक्ष
डिपार्टमेंट ऑफ कंज्यूमर अफेयर्स ने जिला स्तर से लेकर राज्य स्तर तक होने वाली नियुक्तियों, सेवा शर्तों, वेतन और भत्ते संबंधी भी दिशा-निर्देश जारी किए हैं जो आज से ही प्रभावी हो जाएगा। नए कानून के तहत राज्य और जिला स्तर पर अध्यक्ष पद की नियुक्ति उसी व्यक्ति की होगी जो हाईकोर्ट का न्यायाधीश होगा। राज्य आयोग के अध्यक्ष पद या एक सदस्य के पद पर महिला का होना जरूरी है।
प्राधिकरण विक्रेता पर लगा सकता है 10 लाख जुर्माना
प्राधिकरण नए उपभोक्ता कानून के तहत उत्पादक या उसके प्रचारक पर गलत जानकारी देने के आरोप में दस लाख रुपये तक का जुर्माना लगा सकता है। इसके साथ ही दो साल तक की जेल भी हो सकती है। सीसीपीए के पास पूरा अधिकार होगा कि वह जुर्माना राशि 50 लाख कर सकता है और पांच साल तक जेल हो सकती है। सीसीपीए विस्तृत जांच करने के बाद उपभोक्ताओं के हक में कठोर फैसला लेगी।