दिल्ली। चारधाम यात्रा को लेकर बड़ी बात सामने आ रही है। ऋषिकेश स्थित चारधाम ट्रांजिट एवं पंजीकरण केंद्र से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार, इस यात्रा काल में अब तक 1,390 तीर्थयात्रियों को चिकित्सकीय परीक्षण में यात्रा के लिए अनफिट घोषित किया गया, फिर भी इन श्रद्धालुओं ने स्वेच्छा से यात्रा पर जाने का लिखित वचन पत्र देकर अपनी यात्रा जारी रखी।
चारधाम यात्रा के लिए ऋषिकेश में 24 ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन काउंटर संचालित किए जा रहे हैं, साथ ही छह अतिरिक्त काउंटर बस अड्डे पर भी लगाए गए हैं। पंजीकरण केंद्र पर स्वास्थ्य विभाग द्वारा संचालित अस्थायी अस्पताल में स्क्रीनिंग के लिए मेडिकल टीमें भी तैनात हैं, जहां 5-बेड की सुविधा यात्रियों के इलाज के लिए मौजूद है।
स्वास्थ्य जांच के बावजूद श्रद्धालुओं की यात्रा पर जिद
28 अप्रैल से शुरू हुए इस यात्रा काल में अब तक जिन तीर्थयात्रियों को डॉक्टर्स ने स्वास्थ्य के आधार पर अयोग्य घोषित किया, उन्हें न केवल चेतावनी दी गई, बल्कि यात्रा न करने की सलाह भी दी गई। लेकिन श्रद्धालुओं की जिद के चलते, उन्हें ‘स्वंय के रिस्क पर यात्रा’ करने का लिखित पत्र भरवाकर यात्रा करने की अनुमति दी गई।
सोमवार को भी पंजीकरण केंद्र पर यात्रियों की भारी भीड़ देखी गई। आंकड़ों के मुताबिक, एक ही दिन में करीब 9,000 यात्रियों ने चारधाम यात्रा के लिए रजिस्ट्रेशन कराया। इनमें गुजरात, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, हरियाणा, राजस्थान, कर्नाटक, उड़ीसा, बिहार और आंध्र प्रदेश सहित कई राज्यों के श्रद्धालु शामिल रहे। पर्यटन विभाग के संयुक्त निदेशक वाई.के. गंगवार ने बताया कि इस साल ऑफलाइन पंजीकरण की प्रक्रिया में यात्रियों की संख्या में भारी वृद्धि हुई है। उन्होंने कहा कि प्रतिदिन लगभग 12,000 यात्री सिर्फ ऋषिकेश में ही पंजीकरण करवा रहे हैं, जिससे ट्रांजिट व्यवस्था पर दबाव बढ़ गया है।