दिल्ली में लॉकडाउन खुले या ना नहीं यह केंद्र तय करे: अरविंद केजरीवाल

नई दिल्ली। कोरोना महामारी के चलते पूरा देश लॉकडाउन में हैं। हालांकि कोशिश अब धीरे धीरे चीजों को खोलने की है। इस बीच संकेत मिले कि केंद्र सरकार लॉकडाउन खोलने की जिम्मेदारी राज्यों के कंधे पर देना चाह रही है। लेकिन दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इस मामले में नया एंगल देते हुए दिल्ली में लॉकडाउन हटाने की जिम्मेदारी केंद्र पर ही रख दी।

गुरुवार को प्रेस कांफ्रेस में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल कहा कि आपात स्थिति में केंद्र सरकार के पास विशेष अधिकार होते हैं और अंतिम निर्णय उन्हें ही करना है कि राज्य किस प्रकार से काम करेंगे। इस तरह लॉकडॉउन-4 में छूट को लेकर अब उन्होंने गेंद केंद्र सरकार के पाले में डाल दी है। उन्होंने ये भी कहा कि दिल्ली बंद करना आसान फैसला था लेकिन इसे खोलने में बहुत मेहनत करनी पड़ेगी। अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए बहुत काम करना होगा 

प्रेस कांफ्रेस की मुख्य बातें

  • दिल्ली सरकार ने लोगों से जो लॉकडाउन के चौथे चरण के लिए सुझाव मांगे थे उसका अनुभव काफी अच्छा रहा। लोगों ने पांच लाख सुझाव दिए हैं और इनमें काफी अच्छे सुझाव हैं। हम इन पर विचार कर अपनी रिपोर्ट केंद्र सरकार को सौंप देंगे।
  • आज शाम चार बजे दिल्ली के उपराज्यपाल और आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के साथ बैठक है, जिसमें इन सुझावों पर चर्चा होगी। इसके दो-तीन दिन बाद हम नई रणनीतियों को जनता के सामने पेश करेंगे।
  • लोगों का मानना है कि पब्लिक ट्रांसपोर्ट को कम सवारियों के साथ खोलना चाहिए, मेट्रो भी सीमित तौर पर खोला जाए।
  • लोग चाहते हैं कि मास्क को अनिवार्य किया जाए और मास्क न पहनने वालों पर कार्रवाई हो। सामाजिक दूरी का भी पालन किया जाए। लोग चाहते हैं कि उन्हें सुबह के सैर की इजाजत दी जाए, क्योंकि इससे रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है।
  • व्यापारी संघों से भी सुझाव आए हैं, वो चाहते हैं कि मार्केट खोले जाएं और खासकर वहां पर ऑड-ईवन लागू हो। सैलून, स्पा जैसी जगहों को खोलने के लिए लोग तैयार नहीं है। उनका सुझाव है कि इन जगहों को अभी न खोला जाए।
  • स्कूल खोलने से ज्यादातर लोगों ने मना किया है। बुजुर्गों, बच्चों, महिलाओं व दूसरी बीमारियों से ग्रस्त मरीजों को घर पर रहने की सलाह है।