Big News : केस खत्म करने के लिए 2 करोड़ में की डील, 20 लाख की पहली किश्त लेते CBI ने ED के डिप्टी डायरेक्टर को किया गिरफ्तार

भुवनेश्वर। ओडिशा में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के एक डिप्टी डायरेक्टर 20 लाख रुपए की रिश्वत लेते हुए पकडे गए। उन पर सीबीआई ने शिकंजा कसा है.जानकारी के मुताबिक, ईडी अधिकारी पर केस खत्म करने के लिए कारोबारी से 5 करोड़ की रिश्वत मांगी गई थी और फिर 2 करोड़ में डील डन हुई थी. हालांकि, जब कारोबारी ने अधिकारी को रिश्वत की पहली किस्त दी तभी ईडी अधिकारी पर सीबीआई ने शिकंजा कसा. सीबीआई ने ईडी अधिकारी चिंतन रघुवंशी को इस मामले में गिरफ्तार कर लिया है.

अधिकारियों ने गुरुवार को कहा कि सीबीआई ईडी अधिकारी से पूछताछ कर रही है. पीटीआई के मुताबिक, सीबीआई ने ओडिशा में एक ट्रैप ऑपरेशन चलाया, जिसमें मामले में कुछ लोगों को गिरफ्तार किया गया. उन्होंने बताया कि मामले में अधिकारी की भूमिका भी सामने आई जिसके बाद उससे पूछताछ की जा रही है.

जानें क्या है पूरा मामला
यह मामला ओडिशा का है. ईडी के भुवनेश्वर जोनल कार्यालय के डिप्टी डायरेक्टर चिंतन रघुवंशी का नाम इस केस में सामने आया है. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, ईडी अधिकारी रघुवंशी पर कथित आरोप है कि वो माइनर रतिकांत राउत उर्फ जुलू से एक केस को निपटाने के लिए करोड़ों रुपये की रिश्वत की मांग कर रहे थे. बाद में राउत ने ईडी अधिकारी के साथ 2 करोड़ रुपये रिश्वत देने की डील डन कर ली थी.

माइनर राउत से जब ईडी अधिकारी ने रिश्वत की मांग की तो उसके बाद उन्होंने इसकी जानकारी सीबीआई अधिकारियों को दी. इस मामले की जानकारी मिलने के बाद सीबीआई ने अधिकारी पर नजर रखी, इसी के बाद गुरुवार को अधिकारी को उन्हीं के आवास से माइनर राउत से रिश्वत की 20 लाख रुपये की पहली किस्त लेते हुए रंगे हाथों पकड़ लिया गया. हालांकि, अब सीबीआई ने गुरुवार को ईडी अधिकारी को गिरफ्तार कर लिया है और पूछताछ की जा रही है.

पूछताछ जारी
ईडी अधिकारी चिंतन रघुवंशी साल 2013 बैच के भारतीय राजस्व सेवा (आईआरएस) अधिकारी हैं. सीबीआई अधिकारी को नयापल्ली स्थित सीबीआई कार्यालय में ले गई है और उनसे पूछताछ शुरू कर दी गई है. केंद्रीय एजेंसी इस मुद्दे पर माइनर राउत से भी पूछताछ कर रही है.

ईडी ने 8 जनवरी को माइनर रतिकांत राउत से जुड़े मामले में भुवनेश्वर और ढेंकनाल में 14 स्थानों पर एक साथ छापेमारी की थी. यह छापेमारी राउत की कंपनी के कथित अवैध वित्तीय लेनदेन के सिलसिले में की गई थी. इस छापेमारी के बाद ही माइनर ने ईडी अधिकारी से मदद मांगी थी और केस को खत्म करने के लिए कहा था, जहां कथित तौर पर ईडी अधिकारी ने ही उन से रिश्वत की मांग कर ली.