रायपुर। महिलाओं के साथ बलात्कार और जलाकर मार दिए जाने की घटनाओं के बीच राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने पाक्सो एक्ट में दोषी व्यक्तियों के लिए क्षमा याचिका का प्रावधान खत्म करने की बात कहकर नई बहस छेड़ दी है।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद शुक्रवार को राजस्थान के सिरोही जिला स्थित प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय के अंतर्राष्ट्रीय मुख्यालय में आयोजित कार्यक्रम में शामिल हुए । कार्यक्रम में राष्ट्रपति ने कहा कि महिलाओं की सुरक्षा एक बहुत गंभीर मुद्दा है। इस बारे में बहुत काम किया गया है लेकिन अभी भी बहुत कुछ किया जाना बाकी है। लड़कियों पर आसुरी हमलों की घटनाएं देश की अंतरात्मा को झकझोर देती हैं। प्रत्येक माता-पिता की जिम्मेदारी है कि वह लड़कों में महिलाओं के प्रति सम्मान की भावनाओं का समावेश करे।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि पाक्सो एक्ट के दोषियों को क्षया याचिका का अधिकार नहीं दिया जाना चाहिए। इस विषय पर संसद में विचार किए जाने की जरूरत है।
राष्ट्रपति के इस बयान की पूरे देश में चर्चा हो रही है। ऐसे समय में जब घटना के 12 साल बाद भी निर्भया के दोषियों को सजा नहीं मिल पाई है, राष्ट्रपति के इस बयान का महत्व काफी बढ़ गया है। बता दें कि जघन्य मामलों की तरह पाक्सो एक्ट में फांसी की सजा पाने वाले दोषी को क्षमा याचिका दाखिल करने का अधिकार है। लेकिन हैदराबाद में महिला वेटरनरी डॉक्टर के साथ हुई घटना के बाद राष्ट्रपति के बयान से नए सिरे से विचार की उम्मीद जगी है।