अहमदाबाद। अहमदाबाद में हुए एयर इंडिया के विमान हादसे के बाद विचलित करने वाला मंजर सामने आया है। अहमदाबाद के मेघाणीनगर में हुए इस हादसे में अब तक 265 लोगों के शव अहमदाबाद सिविल अस्पताल ले जाए जा चुके हैं। वहीं, विमानन कंपनी एयर इंडिया ने भी पुष्टि की है कि हादसे का शिकार हुए विमान में सवार 242 लोगों में से 241 की मौत हो चुकी है। वहीं, जीवित बचे एक मात्र शख्स का इलाज चल रहा है। हादसे की भयावहता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि सड़कों पर शव बिखरे पड़े थे। ज्यादातर शव बुरी तरह से झुलस गए। उनकी पहचान भी नहीं हो पा रही है। वहीं, हादसे के बाद से लगातार राहत और बचाव कार्य चल रहा है। इस बीच सामने आया है कि हादसे के कारण घटनास्थल का तापमान इतना ज्यादा बढ गया कि बचाव कार्य बेहद कठिनता से हो पा रहा है।
जानवर-पक्षी जो जद में आए सब जल गए
विस्फोट के बाद दुर्घटनाग्रस्त विमान के आसपास तापमान 1000 डिग्री सेल्सियस पहुंच जाने के कारण बचाव कार्य में काफी मुश्किलें आईं। अधिकारियों ने बृहस्पतिवार देर रात बताया कि घटनास्थल पर ताप इतना बढ़ गया कि यहां तक कि जानवरों और पक्षियों तक को भागने का मौका नहीं मिला और सभी जलकर खाक हो गए।
राज्य आपदा मोचन बल के एक सदस्य ने कहा कि वह करीब आठ साल से आपदा की स्थिति को देख रहे हैं, लेकिन ऐसी आपदा कभी नहीं देखी। उन्होंने कहा, हम यहां पीपीई किट के साथ पहुंचे, लेकिन तापमान इतना ज्यादा था कि बचाव कार्य मुश्किल हो गया।
जानें कैसे हुआ हादसा
गुजरात के अहमदाबाद से लंदन जा रहा एअर इंडिया का विमान उडान भरते ही भयावह हादसे में कैश हो गया और डॉक्टरों के छोत्रावास व नर्सिंग स्टाफ के आवासीय परिसर से टकरा गया। हादसे में कुल 266 लोगों की मौत हो गई। विमान में चालक देख समेत कुल 242 लोग सवार थे, जिनमें से 241 लोगों की मौत हो गई। विमान से कूद जाने के कारण सिर्फ एक यात्री जिंदा बचा है। विमान में सवार गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी की भी मौत हो गई। 1996 के बाद देश में यह दूसरा बडा विमान हादसा है। हादसे की जांच विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो करेगा।
एअर इंडिया की उड़ान संख्या एआई-171 बृहस्पतिवार को अहमदाबाद से लंदन गैटविक जा रही थी। विमान ने अहमदाबाद के रनवे-23 से 13:39 बजे उड़ान भरी थी। विमान में 169 भारतीय, 53 ब्रिटिश, एक कनाडाई और सात पुर्तगाली नागरिक सवार थे। विमान में दो पायलट एवं 10 केबिन क्रू थे। दो इंजन वाला यह विमान उड़ान भरने के कुछ मिनट बाद ही तेजी से नीचे की ओर आने लगा और सरदार वल्लभभाई पटेल अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट के पास मेघानीनगर के सिविल अस्पत्ताल और बीजे मेडिकल कॉलेज के पांच मंजिला छात्रावास पर गिर गया।
हादसे के वक्त विमान में था 1,26,907 लीटर ईंधन
हादसे के वक्त विमान में 1,26,907 लीटर ईंधन था। उड़ान के समय उसकी ऊंचाई 625 फीट थी। विमान क्रैश होते ही उसके ईंधन ने आग पकड़ ली। तेज धमाके से उसके परखच्चे उड़ गए, विमान ज्वालामुखी की तरह धधक उठा। घने काले धुएं का गुबार काफी दूर तक देखा गया। भयावहता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि सड़कों पर शव बिखरे पड़े थे। ज्यादातर शव बुरी तरह से झुलस गए। उनकी पहचान भी नहीं हो पा रही है।