नई दिल्ली: शेयर बाजार में जारी बुल मार्केट जल्द ही समाप्त हो सकता है। अमेरिकी निवेश फर्म जेफरीज के ग्लोबल इक्विटी स्ट्रैटेजिस्ट क्रिस वुड ने शेयर बाजार की तेजी को लेकर यह बात कही है। वुड ने बताया कि पिछले एक दशक में बीजेपी की सरकार में बड़े स्तर पर ढांचागत सुधार हुए हैं, जिसका प्रभाव हमें अब दिखने लगे हैं। लेकिन बुल मार्केट अब समाप्ती के करीब है।
उन्होंने आगे कहा कि भारत में वही दोहराया जा रहा है, जो कि 2002-09 के बीच हुआ था, जिसकी शुरुआत प्रॉपर्टी मार्केट में तेजी से हुई थी और सख्त मौद्रिक नीति से भी इस पर कोई असर नहीं हुआ था। फिलहाल हम सात वर्षों के प्रॉपर्टी मार्केट की मंदी को छोड़कर बीते तीन वर्षों से तेजी के चक्र में हैं। मौद्रिक नीति सख्त होने का इस पर कोई असर नहीं हुआ है। पिछले वर्ष निजी निवेश में भी इजाफा देखने को मिला था। मुझे उम्मीद है कि इस वर्ष ही ऐसा ही क्रम जारी रह सकता है। अगर मेरा अनुमान गलत होता है तो शेयर बाजार यहां से अच्छा प्रदर्शन नहीं करेगा।
वुड ने आगे कहा कि ग्रामीण खपत वाले शेयरों पर उनका फोकस है। बजट में होने वाले ऐलान से इस सेक्टर को फायदा मिलेगा। फिलहाल पोर्टफोलियो में ज्यादा वेटेज निवेश और खपत शेयरों को दिया हुआ है। मौजूदा समय में भारतीय शेयर बाजार में बुल मार्केट की स्थिति बनी हुई है। पिछले एक वर्ष में नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) के बेंचमार्क निफ्टी ने 24 प्रतिशत से ज्यादा का रिटर्न निवेशकों को दिया है। इस वर्ष की शुरुआत से अब तक निफ्टी 13 प्रतिशत, बीते छह महीने में 14 प्रतिशत और पिछले एक महीने में 4.40 प्रतिशत का रिटर्न निवेशकों को दे चुका है।