रायपुर। भाजपा सांसद सुनील सोनी की ओर से वेंटिलेटर के इस्तेमाल को लेकर दिए गए बयान पर कांग्रेस प्रवक्ता सुशील आनंद शुक्ला ने विरोध जताया है। उनका कहना है कि सांसद सुनील सोनी ने बहुत ही आपत्तिजनक और गैर जिम्मेदाराना बयान दिया है। क्या उनकी इच्छा है प्रदेश के लोग वेंटिलेटर में चले जाये ताकि केंद्र द्वारा दिये गए वेन्टीलेटरो का उपयोग हो सके। भगवान न करे कि राज्य में इनके दिए एक भी वेंटिलेटर के उपयोग की नौबत आये।
कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि भगवान न करे कि राज्य में इनके दिए एक भी वेंटिलेटर के उपयोग की नौबत आये। कांग्रेस प्रवक्ता ने पूछा कि केंद्र से मिले एक -एक टेबलेट और मास्क का लेखा जोखा प्रस्तुत करने वाले भाजपा सांसद बताये कि उन्होंने कोरोना के समय रायपुर और छत्तीसगढ़ की जनता के लिए क्या किया ? जो उनकी सांसद निधि थी जिस पर प्रदेश की जनता का हक था उसे तो रायपुर की जनता से बिना पूछे पीएम केयर में दान कर दिया। जब मोदी सरकार ने शेष वर्षो के लिए सांसद निधि को स्थगित किया तब भी भाजपा के सांसदों की बोलती बंद हो गयी थी तब क्यो विरोध नही किया कि इस सांसद निधी को वे अपने राज्य के कोविड प्रभावितों के लिए खर्च करेंगे।
कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि राज्य के उद्योगों और सार्वजनिक क्षेत्र की कम्पनियों से पीएम केयर में 300 करोड़ से अधिक राशि वसूली गयी राज्य को पीएम केयर से मात्र 13 करोड़ की मदद मिली है। राज्य के उद्योगों का यह सीएस आर फंड का पैसा यदि प्रदेश को मिलता तो इन 300 करोड़ रुपयों का खर्च राज्य में होता। इस राशि से यहाँ अस्पताल बनते और चिकित्सा सुविधाएं जुटाई जाती।
सुनील सोनी केंद्रीय सहायता पर अहसान जताने की बजाय बताये कि एक सांसद के रुप में उन्होंने राज्य को क्या मदद दिलवाई? राज्य सरकार ने कोरोना से लड़ने के लिए जब विशेष पैकेज मांगा तब सोनी और उनके दल के नेताओ ने उसका विरोध किया। राज्य के हक का अपना जीएसटी क्षतिपूर्ति की 2800 करोड़ से अधिक की राशि केंद्र नही दे रहा इसमे भाजपा के नेता और सांसद क्यो मौन है ?
भाजपा के नेता राज्य की कांग्रेस सरकार का विरोध करते करते प्रदेश की जनता का विरोध करने लग गए है। जब राज्य सरकार ने 2500 में धान खरीदी के लिए केंद्र से आग्रह किया था तब भी भाजपा सांसद किसानों का पक्ष लेने के बजाय इसके विरोध में खड़े हो गए थे। प्रवासी मजदूरों के लिये केंद्र द्वारा चलाये जा रहे गरीब कल्याण अभियान से छत्तीसगढ़ को अलग रखा तब भी सुनील सोनी सहित भाजपा सांसदों की बोलती बंद थी। जनता केंद्र में सांसद चुन कर इसलिये भेजती है ताकि वह केंद्र सरकार और संसद में उनकी आवाज उठाये भाजपा सांसद अपने दायित्व के निर्वहन में असफल साबित हुए हैं।