रायपुर। शिक्षाकर्मी से शिक्षक बने प्रदेश के करीब डेड़ लाख शिक्षक समेत प्रदेश के 3 लाख कर्मचारी एक बार फिर लामबंद हो रहे हैं। इस बार का मुद्दा बन रहा है पुराना पेंशन। इसकी तैयारियां चल पड़ी है। अलग अलग मंच के माध्यम से यह मांग जोर पकड़ने लगी है। अगर ऐसा हुआ तो 2023 से पहले फिर से शिक्षकों और अन्य कर्मचारियों का बड़ा आंदोलन सरकार के सामने होगा।
दरअसल, शालेय शिक्षक संघ समेत अन्य शिक्षक संघों ने इस मांग को लेकर अपनी आवाज तेज कर दी है. शिक्षक नेता वीरेंद्र दुबे और संजय शर्मा ने प्रधानमंत्री तक अपनी आवाज पहुंचाने के लिए मन की बात प्लेटफार्म का इस्तेमाल किया और लाखों शिक्षकों की ओर से पुराने पेंशन लागू करने की मांग की। उन्होंने कहा कि नवीन पेंशन प्रणाली कर्मचारियों के लिए सिर्फ एक छलावा साबित हो रहा है । वर्तमान में बहुत से कर्मचारी जो सेवानिवृत्त हुए हैं नवीन पेंशन प्रणाली ने उनके सालों के मेहनत से कमाई पूंजी को डुबो कर रख दिया है अब उनके सामने जीवन निर्वाह का संकट पैदा हो गया है ।अब बुढ़ापे में वे कहा जाए । इसी बात से वर्तमान में कार्यरत कर्मचारी सेवानिवृत्ति के पश्चात अपने भविष्य को लेकर चिंतित है । उन्होंने उनसे सहानुभूतिपूर्वक विचार करते हुए पुरानी पेंशन प्रणाली को कर्मचारियों के हित मे बहाल करने की अपील की है ।
उल्लेखनीय है कि श्री बी.पी.सिंह रावत राष्ट्रीय अध्यक्ष,(NOPRUF) के नेतृत्व में वीरेंद्र दुबे और संजय शर्मा संयुक्त मोर्चा के प्रदेश संयोजक के रूप में पुराना पेंशन बहाली के इस मुहिम को आगे बढ़ा रहे है और इसमें समस्त कर्मचारियों का भरपूर प्रतिसाद मिल रहा हैं। प्रदेश के लगभग 3 लाख एवं पूरे देश मे 60 लाख शासकीय कर्मचारी पुरानी पेंशन की मांग को लेकर प्रधानमंत्री से विभिन्न माध्यमों से गुहार लगाते आ रहे है।