रायपुर। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि 18 सालों में नवा रायपुर को बसाने के लिए हजारों करोड़ रुपये की पूंजी लगा दी गई। बिजली, पानी, सड़क की व्यवस्था भी कर दी गई, फिर भी इस शहर को बसाया नहीं जा सका। इसे देखते हुए उनकी सरकार ने फैसला किया है कि पहले यहां मुख्यमंत्री, विधानसभा अध्यक्ष, मंत्री परिषद के सदस्य और सभी वरिष्ठ अधिकारी रहेंगे। इससे धीरे-धीरे शहर बसेगा। छोटे अधिकारी कर्मचारी भी यहां बसेंगे, तो बाजार और अस्पताल भी विकसित होंगे।
भूपेश बघेल ने ये बातें शुक्रवार को नवा रायपुर में मुख्यमंत्री, मंत्री, राजभवन समेत अन्य भवनों के निर्माण के लिए आयोजित शिलान्यास कार्यक्रम के दौरान कही। उन्होंने कहा कि नई राजधानी का शिलान्यास श्रीमती सोनिया गांधी ने वर्ष 2001 में किया था। तब से लेकर अब तक यहां हजारों करोड़ रुपए का पूंजी निवेश कर दिया गया। लेकिन इसे बसाया नहीं जा सका।
विधानसभा अध्यक्ष डॉ चरणदास महंत ने इस अवसर पर कहा कि हम सब मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के गढ़वो नवा छत्तीसगढ़ के संकल्प को पूरा करने की दिशा में काम कर रहे हैं । छत्तीसगढ़ राज्य बने 19 बरस हो गए हैं लेकिन अब तक यहां निवेश की गई राशि का कितना उपयोग हुआ है, यह हम सब जानते हैं। धनतेरस के पावन अवसर पर आज नवा रायपुर में लगभग 591 करोड़ रुपए की इस परियोजना का भूमि पूजन किया गया है, जिससे यहां शहर बसे।
लोक निर्माण मंत्री श्री ताम्रध्वज साहू ने कहा कि इस आवासीय परियोजना को पूरा करने के लिए अधिकारियों की एक टीम गठित की गई है। जिसे समय सीमा और निर्माण कार्य की गुणवत्ता का ध्यान रखने के निर्देश दिए गए हैं। बता दें कि वर्तमान मे नवा रायपुर में मंत्रालय, सचिवालय एवं विभिन्न विभागों के राज्य स्तरीय कार्यालयों का संचालन हो रहा है। नया रायपुर क्षेत्र की बसाहट में तेजी लाने एवं प्रशासनिक दृष्टिकोण से नवा रायपुर के सेक्टर-24 एवं सेक्टर-18 में राजभवन, मुख्यमंत्री आवास, मंत्रीगणों के आवास, वरिष्ठ अधिकारियों के लिए आवास निर्माण तथा परिसर के अधोसंरचना विकास कार्य किया जाएगा।