रायपुर। हॉस्पिटल बोर्ड और कांग्रेस चिकित्सा प्रकोष्ट के अध्यक्ष डॉ. राकेश गुप्ता ने पूर्व डीएमई डॉ. एस एल आदिले के खिलाफ जांच के लिए मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है। उन्होंने डॉ. आदिले के विभन्न कार्यकाल में हुई कई बड़ी गंभीर अनियमितताओं की आशंका जताई है।
उन्होंने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को लिखे पत्र में सिलसिलेवार ढंग से जांच बिंदु की ओर उनका ध्यान आकृष्ट कराया है। डॉ. राकेश गुप्ता ने अपने पत्र में लिखा है-
माननीय मुख्यमंत्री महोदय, संविदा नियुक्ति प्राप्त संचालक चिकित्सा शिक्षा डॉ एस.एल. आदिले की नियुक्ति राज्य शासन ने विभिन्न भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच उपरांत समाप्त कर दी है. इससे पूर्व में भी उनके खिलाफ विभिन्न शिकायतें की गई हैं. राज्य शासन द्वारा डॉ एस.एल. आदिले के खिलाफ माननीय सुप्रीम कोर्ट द्वारा निर्देशित अभियोजन की स्वीकृति प्रदान की गई है . आपसे अनुरोध है कि अलग-अलग स्तरों पर डॉक्टर एसएल आदिले के कार्यकाल में अधिष्ठाता के रूप में मेडिकल कॉलेज रायगढ़ ,मेडिकल कॉलेज जगदलपुर एवं संचालक चिकित्सा शिक्षा के रूप में विभिन्न स्तरों पर अति गंभीर किस्म की तथ्यात्मक शिकायतें लंबित हैं .
डॉ एसएल आदिले द्वारा विभिन्न पदों पर रहते हुए मेडिकल कॉलेजों में शिक्षकों पैरामेडिकल स्टाफ की अवैध नियुक्तियों, पदोन्नतियों और मेडिकल उपकरणों की खरीदी की विस्तृत जांच कराने पर संगठित भ्रष्टाचार का बड़ा प्रकरण सामने आने की संभावना है.
कृपया निम्न बिंदुओं पर जांच का आदेश देने की कृपा करें
- डॉक्टर एस एल आदिले द्वारा संचालक चिकित्सा शिक्षा और प्रभारी अधिकारी डीकेएस सुपर स्पेशलिटी अस्पताल के रूप में विभिन्न चिकित्सा सामग्रियों और मेडिकल उपकरणों की खरीदी की जांच की जाए. डीकेएस सुपर स्पेशलिटी अस्पताल और संचालक चिकित्सा शिक्षा द्वारा की गई खरीदी में संगठित वित्तीय और प्रशासनिक भ्रष्टाचार की एक कड़ी पहले ही जांच में सामने आ चुकी है
- 2. पिछले दिनों सभी नर्सिंग और मेडिकल कॉलेज में सभी लाइब्रेरी में एकीकृत रूप से करोड़ों रुपए की पुस्तक खरीदी में भारी घपले की आशंका है.
- 3. इसके अलावा सभी मेडिकल कॉलेज के अधिष्ठाताओं के अधिकार का अतिक्रमण करके डॉक्टर आदिले ने सभी मेडिकल कॉलेज में संविदा पदों में कार्य कर रहे पात्रता प्राप्त नर्सिंग टीचर्स और मेडिकल कॉलेज शिक्षकों को हटाकर अवैध संविदा नियुक्तियां की हैं . छत्तीसगढ़ शासन द्वारा उच्च स्तरीय विस्तृत जांच समिति गठित की जाए खुली जांच होने पर अनेक पीड़ित पक्षों के सामने आने की संभावना है .