रायपुर। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत आज दो दिनों के छत्तीसगढ़ दौरे पर रायपुर पहुंचे हैं। जाहिर है कि भाजपा से लेकर संघ के तमाम बड़े नेता और पदाधिकारी उनकी क्लास की तैयारी में जुटे हैं। लेकिन इस बीच प्रदेश के पुराने संघ कार्यकर्ता की एक चिट्ठी सोशल मिडिया में वायरल हुई है। इस चिट्ठी के जरिए इस कार्यकर्ता ने प्रदेश में संघ की स्थिति से लेकर भाजपा की खींचातान को भी सामने कर दिया है। पढ़िए, उस पत्र को..
आदरणीय मोहनभागवत जी का 74वें स्वतंत्रता दिवस पावन अवसर पर आदिवासी बाहुल्य प्रदेश, हमारे छत्तीसगढ़ में आपका हार्दिक स्वागत है। इस शुभ दिन पर आपका छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर आना छत्तीसगढ़ की जनता के लिए एक शुभ संदेश है। छत्तीसगढ़ की जनता को ठोस दिशा निर्देशों और मित्रवत् मार्गदर्शन देने का संदेश आप देंगे, ऐसी अपेक्षा सभी को है।
यह सत्य है, कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ एक सांस्कृतिक संगठन है लेकिन कटु सत्य यह भी है कि समय-समय पर सही दिशा निर्देश देने का काम भाजपा संगठन को आप और हमारा संगठन देते रहता है। छत्तीसगढ़ में भाजपा की स्थिति अभी काफी बुरे दौर से गुजर रही है।आपको अपने सूत्रों से इसकी जानकारी भी मिलती रही होगी और बची हुई जानकारी आपको इस दो दिवसीय प्रवास में आपके जमीनी स्तर पर काम करने वाले संघ के लोग देंगे ही।
अप्रत्यक्ष रूप से यह स्वीकार करने वाली बात है कि चाहे वह विधानसभा चुनाव हो या फिर लोकसभा चुनाव हो, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के संगठन से जुड़े अन्य संस्थाएं भी जैसे सरस्वती शिशु मंदिर, विश्व हिंदू परिषद, बजरंग दल, वनवासी कल्याण आश्रम ऐसे अनेक संगठन है, जो अपनी विचारधारा से मिलते जुलते संगठन को, चुनाव में इसका सीधा लाभ मिलता है। और वह सक्रिय रूप से अपने स्तर पर जनता के पास जाकर संदेश देते रहते हैं। यह कटु सत्य है कि 11 दिसंबर 2018 को छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव के जो परिणाम आए, जो पहले से ही लगभग तय था।
भाजपा को करारी हार का सामना करना पड़ा मेरा व्यक्तिगत मानना है और शायद प्रदेश भाजपा के निष्ठावान कार्यकर्ताओं का भी मानना है कि विधानसभा चुनाव में भाजपा की हार नहीं हुई थी, अपितु छत्तीसगढ़ में 15 साल तक सरकार पर बैठे लोगों के गलत निर्णयों के कारण, कार्यकर्ताओं की उपेक्षा के कारण और जनता के इच्छा के अनुरूप विकास के कार्य नहीं होने के कारण सरकार की हार हुई थी, हालांकि जनता के दिमाग में यह बात थी कि सरकार तो भाजपा की थी। लेकिन 2013 से लेकर 2018 तक के सरकार के कार्यकाल में अफसरशाही चरम सीमा पर थी। भ्रष्टाचार सर पर चढ़कर बोल रहा था, लेकिन इसके पर अंकुश लगाने का प्रयास किसी ने नहीं किया। जनता और कार्यकर्ताओं के बीच गंभीर नाराजगी बढ़ती गई और उसका परिणाम हार के रूप में सामने आया।
नए प्रदेश संगठन का गठन होना है, सही और जुझारू लोग प्रदेश संगठन में यदि स्थान पाते हैं, तो भाजपा की और कार्यकर्ताओं की, जो मनोबल गिरा हुआ है, उसे उठाने का भरपूर समय संगठन और जिला संगठन को मिलेगा और उसका अच्छा व सकारात्मक परिणाम 2023 के विधानसभा चुनाव में भाजपा को मिल सकता है और एक बार फिर हम सरकार बनाने में सफल हो सकते हैं।
हमारा आपसे विनम्र अनुरोध है कि जागृति मंडल और रोहिणी पुरम कार्यालय के माध्यम से आप एक ऐसा ठोस निर्देश और दिशा तय कर, कार्यकर्ताओं को पहुंचाने का संदेश देंगे। जिससे अवसरवादी तत्व किनारे हो सके, निष्ठावान कार्यकर्ताओं को महत्व मिल सके और पार्टी कि सही रास्ते में चलने की रणनीति के तहत काम प्रारंभ कर सकें। प्रदेश की जनता को प्रदेश के भाजपा के निष्ठावान कार्यकर्ताओं को इसी संदेश और दिशा निर्देश की आपसे अपेक्षा है, आशा है आप इसके अनुरूप ही ठोस निर्णय प्रदेश नेतृत्व को देकर जाएंगे। आपसे मिल तो नहीं सकते लेकिन सोशल मीडिया के माध्यम से आपके पास संदेश पहुंचाने का प्रयास किया जा रहा है। अगर आपके पास यह संदेश पहुंच जाएं तो आप कृपया निराश नहीं करेंगे ऐसा सभी को अपेक्षा है।