रामदेव ही नहीं, कोरोना पर इस मल्टीनेशनल कंपनी की दवा भी सवालों के घेरे में, DCGI ने भेजा नोटिस, पढ़िए पूरा मामला

मुंबई। देश में कोरोना का कहर बरप रहा है और इसी के साथ लोगों का डर भी नए शिखर को छू रहा है..। लेकिन पैसों की खातिर कारोबार करने वाली कंपनियां इस डर को जम कर कैश कर रही है। इसमें एक और नाम ग्लेनमार्क फार्मास्युटिकल्स लिमिटेड का भी जुड़ गया है।

देश के दवा नियंत्रक ने कोरोना महामारी के इलाज में इस्तेमाल की जा रही जेनेरिक दवा फैबीफ्लू को लेकर किए गए झूठे दावों और ज्यादा कीमत पर ग्लेनमार्क फार्मास्युटिकल्स लिमिटेड को नोटिस भेजकर जवाब मांगा है। ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (डीसीजीआई) डॉ. वीजी सोमानी ने मुंबई स्थित ग्लेनमार्क कंपनी को भेजे गए पत्र में ग्लेनमार्क की जमकर खिंचाई करते हुए कहा है कि ग्लेनमार्क की ओर से फैबीफ्लू की प्रस्तावित कीमत देश के गरीब, निम्न मध्य वर्ग और मध्य वर्ग के लिहाज से उचित नहीं थी। 

फैबीफ्लू को लेकर एक सांसद की शिकायत पर संज्ञान लेते हुए डीजीसीआई के सोमानी की ओर से भेजे पत्र में कहा गया है कि ग्लेनमार्क ने दावा किया था कि फैबीफ्लू कोरोना के साथ-साथ तनाव और डायबिटीज जैसी बीमारियों में भी कारगर है, जबकि इस दवा के ट्रायल में ऐसी किसी बीमारी को शामिल ही नहीं किया गया था। इसे लेकर फैबिफ्लू का कोई डाटा उपलब्ध नहीं है। 

इसके अलावा लॉन्चिंग के समय ग्लेनमार्क ने एंटीवायरल फैबिपिरावीर की जेनेरिक दवा फैबीफ्लू की 200 मिग्रा की एक टैबलेट की कीमत 103 रुपये रखी थी। कोरोना मरीजों के दो हफ्ते के इलाज में 122 टैबलेट दी जाती हैं। ऐसे में इसके पूरे कोर्स में 12,500 रुपये का खर्च आता है। 17 जुलाई को जारी इस पत्र में ग्लेनमार्क को पूरे मामले पर स्पष्टीकरण देने को कहा गया है।