रायपुर। छत्तीसगढ़ में कोरोना महामारी ने रफ्तार पकड़ ली है। राज्य में आंकड़ा 5 हजार को पार कर चुका है। लेकिन एक वक्त ऐसा भी था जब प्रदेश में केस थम सा गया था और लग रहा था कि छत्तीसगढ़ में कोरोना पर काबू पा लिया गया है..। ऐसे में प्रदेश सरकार को दोबारा लॉकडाउन की राह पर चलना पड़ रहा है। 18 जुलाई को प्रदेश सरकार ने फैसला किया है कि 21 जुलाई के बाद प्रदेश की उन जगहों पर लॉकडाउन लगाया जाएगा, जहां केस ज्यादा आ रहे हैं। लेकिन 3 दिन की देरी को लेकर ही प्रदेश में कांग्रेस और भाजपा के बीच संग्राम छिड़ गया है।
भाजपा का आरोप है कि सरकार अपना गोधन न्याय योजना को लांच करने के लिएआम लोगों की जान से खेल रहे हैं। बता दें कि सरकार 20 जुलाई को इस योजना की शुरुआत कर रही है। इसी दिन प्रदेश में हरेली त्योहार भी है। अगर तत्काल लॉकडाउन लगाया गया तो हो सकता है कि इस योजना की धमक और चमक फीकी पड़ जाती। इसी बात को मुद्दा बना कर भाजपा कांग्रेस पर हमला बोल रही है।
भाजपा का आरोप है कि अपनी योजना को लांच करने की खातिर सरकार आम लोगों की जान से खेल रही है। तीन दिन पहले घोषणा करने से भी बाजार और दुकानों में लोग टूट पड़ेंगे। सोशल दूरियों की धज्जियां उडेंगी। ऐसे में यही तीन दिन कोरोना विस्फोट की वजह ना बन जाए।
कांग्रेस का पलटवार
भाजपा के इस आरोप पर कांग्रेस ने भी पलटवार किया है। कांग्रेस का कहना है कि भाजपा सरकार प्रदेश की संस्कृति और आम लोगों की भावना का मजाक उड़ा रही है। हरेली त्योहार प्रदेश का बड़ा त्योहार है। इसी दिन सरकार गोधन योजना शुरू कर रही है। इसमें दिक्कत क्या है। तीन दिन का समय देकर सरकार एक तरह से आम लोगों को तैयारी का मौका भी दे रही है।
भाजपा प्रवक्ता सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि देश में अचानक लॉकडाउन लगाकार मोदी जी ने कैसी परिस्थिति पैदा कर दी थी, इसे पूरे देश ने देखा था। लेकिन प्रदेश में वैसी अफरा तफरी ना मचे, इसलिए तीन दिन की मोहलत दी गई है। इससे आम लोगों को मुश्किलें कम होंगी।