गलवान में मरे सैनिकों का अंतिम संस्कार नहीं हो दे रहा चीन, परिजनों को रोक रहा ताकि भूल छिपा सके

चीन की फितरत भी बहुत कुछ पाकिस्तान जैसा ही है। वह भी अपने मारे गए सैनिकों की बात छिपाने में लगा है। यहां तक कि सैनिकों के परिजनों को अंतिम संस्कार करने से भी रोक रहा है, ताकि अपनी भूल को छिपा सके।

अमेरिकी खुफिया रिपोर्ट के अनुसार, चीनी सरकार सैनिकों के परिवारों पर उन्हें दफनाने और अंतिम संस्कार कार्यक्रम नहीं करने का दबाव बना रही है। अमेरिकी खुफिया रिपोर्ट के मुताबिक, वह ऐसा इसलिए कर रहा है ताकि वह अपनी एक बड़ी भूल को छुपा सके।

मामले से जुड़े एक सूत्र ने बताया कि चीनी नागरिक मामलों के मंत्रालय ने झड़प में मारे गए सैनिकों के परिवारों से कहा है कि उन्हें पारंपरिक दफन कार्यक्रम और सैनिकों के अवशेषों का अंतिम संस्कार नहीं करना चाहिए। कोई भी अंतिम संस्कार किसी एकांत जगह पर होना चाहिए। सरकार ने इसका कारण कोरोनावायरस बताया है। सरकार झड़प में मारे गए सैनिकों के बारे में किसी भी तरह के याद को मिटाने की कोशिश कर रही है।

मारे गए सैनिकों के परिजन चीनी सरकार से नाराज

अमेरिका की ब्रेइटबार्ट न्यूज के मुताबिक, चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के इस फैसले से मारे गए सैनिकों के परिवार में नाराजगी है। सरकार के इस फैसले के खिलाफ परिजन वीबो और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के जरिए अपना गुस्सा जाहिर कर रहे हैं।

चीनी और भारतीय सैनिकों के बीच 15 जून को गलवान घाटी में हिंसक झड़प हुई थी। इसमें दोनों देशों के सैनिक मारे गए थे। भारत ने बिना किसी हिचकिचाहट के स्वीकार कर लिया था कि उसके 20 सैनिक शहीद हुए। साथ ही शहीदों को सम्मानपूर्वक अंतिम विदाई भी दी गई। जबकि चीन लगातार अपने सैनिकों की मौत से इनकार करता रहा है।