खुशी: 12 विधायक समेत 15 लोग संसदीय सचिव की आज लेंगे शपथ… डर: परंपरा रही कि अधिकांश संसदीय सचिव अगला चुनाव हारे..

रायपुर। 18 महीनों का इंतजार कम नहीं होता। लेकिन खुशी भी तो आखिर खुशी होती है। कांग्रेस के 12 विधायक और 3 दिग्गज आज संसदीय सचिव बन रहे हैं। आज शाम चार पजे मुख्यमंत्री उन्हें संसदीय सचिव की शपथ दिलाएंगे। शपथ समारोह मुख्यमंत्री आवास में रखा गया है। तीन संसदीय सचिव मुख्यमंत्री से संबंधित विभागों का कामकाज देखेंगे। जबकि 12 विधायक 12 मंत्रियों के साथ अटैच किए जाएंगे।

वैसे यह पल निश्चित रुप से खुशी होगा, लेकिन जानने वाले जानते हैं कि परंपरा का डर इन सभी संसदीय सचिवों के मन के किसी कोने में जरुर दबा रहेगा। छत्तीसगढ़ में परंपरा रही है कि जो जो विधायक या नेता संसदीय सचिव बने हैं, उनमें से अधिकांश लोग अगला चुनाव हार गए हैं।

संसदीय सचिव बनाए जा रहे विधायकों में से 13 पहली बार के हैं, जबकि दो एक से ज्यादा बार विधायक बन चुके हैं। सचिवों की नियुक्ति में जातिगत समीकरण के साथ क्षेत्रीय संतुलन का भी पूरा ध्यान रखा गया है।

हर वर्ग से प्रतिनिधित्व: सीएम भूपेश ने नियुक्ति में जातिगत समीकरणों का पूरा ख्याल रखा है। इसमेें ओबीसी वर्ग के पांच, सामान्य वर्ग से तीन, अनुसूचित जनजाति के पांच, अनुसूचित जाति के एक और अल्पसंख्यक से एक विधायक शामिल हैं। सरगुजा संभाग के चार, रायपुर संभाग के पांच, बिलासपुर संभाग के एक, दुर्ग संभाग के 3 तथा बस्तर संभाग के 2 विधायक शामिल हैं। 

किस विधायक को क्यों मिला संसदीय सचिव
चिंतामणी महाराज: 
साफ सुथरी छवि, वरिष्ठ विधायक, अंबिकापुर का प्रतिनिधित्व।
विकास उपाध्याय: तेजतर्रार छवि, पूर्व सरकार के दिग्गज मंत्री राजेश मूणत को हराया। 
विनोद चंद्राकर: महासमुंद जिले का प्रतिनिधित्व, युवा चेहरा इसलिए मिला लाभ। 
चंद्रदेव राय: शिक्षाकर्मी से विधायक बने इसलिए पैठ, बलौदाबाजार का प्रतिनिधित्व। 
अंबिका सिंहदेव: महिला विधायक होने के साथ-साथ कोरिया जिले का प्रतिनिधित्व।
द्वारिकाधीश यादव: महासमुंद जिले में कांग्रेस का मजबूत स्तंभ और युवा चेहरा। 
शकुन्तला साहू: पूर्व स्पीकर गौरीशंकर को हराया, महिला-समाज का प्रतिनिधित्व।
यूडी मिंज: जशपुर जिले का प्रतिनिधित्व, अल्पसंख्यक वर्ग से ताल्लुक रखते हैं। 
पारसनाथ राजवाड़े: दूसरी बार विधायक बने। सूरजपुर जिले का प्रतिनिधित्व।
इंदरशाह मंडावी: राजनांदगांव जिले का प्रतिनिधित्व। 
कुंवरसिंह निषाद: बालोद जिले में पकड़, जोगी कांग्रेस के ताकतवर प्रत्याशी को हराया।
गुरूदयाल बंजारे : बेमेतरा जिले के साथ एससी वर्ग का प्रतिनिधित्व 
डाॅ. रश्मि आशीष सिंह : तेजतर्रार महिला विधायक, बिलासपुर जिले का प्रतिनिधित्व।  
शिशुपाल सोरी : पूर्व आईएएस होने का लाभ मिला, कांकेर जिले का प्रतिनिधित्व।
रेखचंद जैन : अल्पसंख्यक, बस्तर जिले का प्रतिनिधित्व, बाफना को हराया था।