IIT कानपुर की स्टडी, जल्द देश होगा कोरोना से मुक्त, जानिए किस आधार पर है दावा

कोरोना वायरस से जूझ रहे देश के लिए एक राहत की खबर कानपुर आईआईटी से आई है। यहां की एक टीम की स्टडी कह रही है कि जल्द ही देश कोरोना पर काबू पा लेगा। टीम की यह स्टडी दुनियाभर के देशों से मिले आंकड़ों के आधार पर है।

कोरोना से संक्रमित लोगों की संख्या और हुई मौतों के आधार पर आईआईटी कानपुर इस निष्कर्ष पर पहुंचा है कि दुनिया के कई देशों को राहत मिली है और भारत भी शीघ्र ही इस संकट से उबर जाएगा। देश में कोरोना पॉजिटिव दोगुना होने की दर अपेक्षाकृत कम है।

आईआईटी में फिजिक्स विभाग के प्रोफेसर महेंद्र वर्मा ने अपने सहयोगियों सौम्यदीप चैटर्जी, असद अली, शाश्वत भट्टाचार्या और शादाब आलम की मदद से दुनिया भर के देशों के कोरोना पॉजिटिव मामलों और हुई मौतों के आधार पर गणितीय अध्ययन किया। उन्होंने आकलन के लिए वर्ल्ड मीटर वेबसाइट का सहारा लिया। इससे कई तरह के निष्कर्ष सामने आए हैं।

पावर लॉ से निकाले निष्कर्ष
आकलन में सामने आया है कि शुरुआत में संक्रमित लोगों की संख्या तेजी से बढ़ी। इसके बाद वृद्धि में एक ट्रेंड डेवलप हो गया जिसे पॉवर लॉ के नाम से जानते हैं। अमेरिका और फ्रांस में वृद्धि टी-टू स्तर की रही, जबकि दक्षिण कोरिया और स्पेन में यह टी-थ्री स्तर की रही। इन स्टेज में जाने के बाद इनकी ग्रोथ लीनियर यानी रेखीय हो गई और इसके बाद यह फ्लैट यानी बराबर हो गई। इससे निष्कर्ष यह निकलता है कि शुरुआत में जितनी गति थी, उसके बाद बढ़ी लेकिन फिर रेखीय स्थिति में चली गई और अन्त में सुधार की स्थिति दिखाई दी।

भारत की स्थिति ठीक
आईआईटी के वैज्ञानिकों का मानना है कि लॉकडाउन और सोशल डिस्टेंसिंग के चलते भारत में गति उतनी नहीं दिखी जितनी अपेक्षित थी। शुरू में यह तेजी से बढ़ी और इसके बाद यह रेखीय स्थिति में आने लगी। यह ग्राफ फ्लैट होने के नजदीक प्रतीत हो रहा है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने भी जो आकलन किया है उसमें वर्तमान समय में डबलिंग की दर 7.3 दिन है। यह सुधार के लिए अच्छी बात कही जा सकती है। यही आकलन गणितीय आधार पर भी सामने आ रहा है। 

आगे केस रोकना जरूरी
विशेषज्ञों का कहना है कि हाल ही में कुछ केस बढ़े हैं। यह इसलिए है क्योंकि परीक्षण संख्या बढ़ाई गई है। यह संख्या धीरे-धीरे स्थिर होगी और कर्व यानी ग्राफ फ्लैट हो जाएगा। जिन देशों में हमसे अधिक सुविधाएं थीं और जहां पहले से ही लॉकडाउन भी हुआ वह खतरे में अधिक आए। इसकी तुलना में भारत में ग्राफ के फ्लैट होने की उम्मीद काफी पहले है।